नए ₹500 के नोट को लेकर इस समय कुछ महत्वपूर्ण अपडेट्स सामने आए हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि 500 रुपये का नोट भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह सिर्फ एक आर्थिक संसाधन ही नहीं है, बल्कि कई देशों की अर्थव्यवस्था इसी के माध्यम से प्रतिनिधित्व करती है। 1987 में ₹500 के नोट के बाद से कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं और मूल रूप से 2016 में विमुद्रीकरण के तहत महात्मा गांधी श्रेणी के तहत कस्टमाइजेशन करके इसमें कई नए सुरक्षा फीचर्स जोड़े गए थे।
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इन सभी महत्वपूर्ण बदलावों का मुख्य लक्ष्य नकली नोटों पर रोक लगाना है जिससे मुद्रा प्रणाली में पारदर्शिता देखने को मिलेगी। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में ₹500 के नोट को लेकर एक नया नियम जारी किया है जिसके तहत 10 जनवरी 2024 तक कुछ महत्वपूर्ण काम पूरे करने होंगे, नहीं तो आपको अपने ₹500 के नोट से जुड़े काम में नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं इस नए नियम की जानकारी:
नोट बदलने का समय
अगर आपके पास इस समय पुराने ₹500 के नोट पड़े हुए हैं तो आपको जल्द से जल्द अपने नजदीकी बैंक ब्रांच में जमा करवा देने हैं। इसके लिए सरकार ने 10 जनवरी 2024 तक की समय सीमा तय की है। अगर आप इस निर्धारित समय सीमा के अंदर नोट जमा करवाने का काम पूरा कर लेते हैं तो आपको नोट की वैलिडिटी के हिसाब से ज्यादा कीमत दी जा सकती है।
बैंक में जमा करवाना या एक्सचेंज करना
आप किसी भी ब्रांच में जाकर पुराने ₹500 के नोट जमा करवा सकते हैं या फिर एक्सचेंज वैल्यू की प्रक्रिया पता कर सकते हैं। अगर आपने अभी तक इसे एक्सचेंज नहीं करवाया है तो यह समाप्त हो सकता है जिसकी वजह से आपको नोट का कोई रिफंड नहीं मिलेगा।
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नोटों का वितरण और उपलब्धता
इस बार सरकार ने पुराने ₹500 के नोटों को लेकर पूरी तरह से यकीन कर लिया है कि 10 जनवरी के बाद आप बैंक में नोट जमा नहीं करवा सकते हैं। अगर आप समय सीमा के अंदर इस प्रक्रिया को पूरा कर लेते हैं तो आपको नोटों की ज्यादा कीमत दी जा सकती है या फिर ₹500 के नोट की वैल्यू के हिसाब से काटकर आपको कुछ रकम दी जा सकती है। हालांकि आपको इन सभी कामों को जल्द से जल्द पूरा करना होगा।
इस महत्वपूर्ण बदलाव की वजह से मुख्य उद्देश्य पुराने ₹500 के नोटों को इकट्ठा करके जमा करना है। आपको बता दें कि इस समय सरकार ने नकली नोटों के चलन की वजह से काफी महत्वपूर्ण बदलाव किया है और इसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय संविधान के क्षेत्र में पारदर्शिता लाना है।