किसानो को मालामाल बना देगी सोयाबीन की ये 5 किस्मे, देखे इसकी पूरी जानकरी। खरीफ का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में किसान खरीफ सीजन में सोयाबीन की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। सोयाबीन की बेहतर किस्मों में MACS-1407, JS-2069, JS-2034, NRC 181 और BS 6124 शामिल हैं। आइए जानते हैं इन बेहतर किस्मों के बारे में विस्तार से।
MACS1407 सोयाबीन किस्म
- यह किस्म उत्तर भारत के बारिश वाले क्षेत्र के लिए बहुत उपयुक्त है।
- यह किस्म कीड़ा प्रतिरोधी किस्म है।
- इसकी बुवाई के 43 दिन बाद फूल खिलने शुरू हो जाते हैं।
- यह बुवाई के 104 दिन बाद पक जाती है।
- इसकी बुवाई का सही समय जून के दूसरे सप्ताह से जुलाई के पहले सप्ताह तक माना जाता है।
- यह किस्म 39 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार देती है।
JS2069 सोयाबीन किस्म
- यह एक जल्दी पकने वाली किस्म है।
- इस किस्म की बुवाई के लिए प्रति एकड़ 40 किलो बीज की आवश्यकता होती है।
- इस बीज से 1 हेक्टेयर में लगभग 22-26 क्विंटल उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
- यह किस्म तैयार होने में 85-90 दिन लेती है।
JS2034 सोयाबीन किस्म
- अच्छी सोयाबीन की पैदावार पाने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
- इस पौधे का दाना पीले रंग का होता है और फूल सफेद होता है।
- कम बारिश वाले स्थानों पर किसान इस किस्म की बुवाई करके बेहतर पैदावार ले सकते हैं।
- JS 2034 किस्म का उत्पादन 1 हेक्टेयर में लगभग 24-25 क्विंटल होता है।
- यह फसल 80-85 दिनों में तैयार हो जाती है।
NRC 181 सोयाबीन किस्म
- इसे उच्च उत्पादन वाली किस्म माना जाता है।
- यह पीले मोज़ेक और टारगेट लीफ ऑफ स्पॉट रोग के प्रतिरोधी है।
- यह किस्म भारत के मैदानी इलाकों में बोई जाती है।
- यह किस्म तैयार होने में 90-95 दिन लेती है और इसका औसत उत्पादन 16-17 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
- इस पौधे में बैंगनी रंग के फूल होते हैं।
- यह किस्म बुवाई के 90 से 95 दिनों में तैयार हो जाती है।
- यह 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार भी देती है।
- यह किस्म 21 प्रतिशत तक तेल उत्पादन भी देती है।