MP News: मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव और किसानों के लिए उर्वरक संकट को लेकर राजनीति गरमा गई है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उर्वरक संकट को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। X पर पोस्ट साझा करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उन क्षेत्रों में अधिक उर्वरक बांट रही है जहां उपचुनाव हो रहे हैं। इस मुद्दे पर सियासी लड़ाई छिड़ गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का सरकार पर आरोप
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश के किसान उर्वरक संकट से गुजर रहे हैं। राज्य की बीजेपी सरकार पूरे राज्य की खाद को उपचुनाव वाले क्षेत्रों में बांटकर किसानों के वोटों से धोखा करना चाहती है। प्रदेश के बुधनी और विजयपुर विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हो रहे हैं। सरकार ने बुधनी विधानसभा में किसानों को अग्रिम रूप से डीएपी उर्वरक बांटा है, जबकि विजयपुर विधानसभा में भी उर्वरक की भरपूर आपूर्ति की जा रही है।
95% आवश्यकता नहीं हो रही पूरी
कमलनाथ ने आगे कहा कि पूरे प्रदेश की बात की जाए तो उपचुनाव क्षेत्र की इन दो विधानसभाओं को छोड़कर शेष राज्य में केवल 5% डीएपी की आपूर्ति हो रही है, जो कुल मांग का एक छोटा सा हिस्सा है। 95% आवश्यकता की पूर्ति नहीं हो रही है। बीजेपी का यह कदम किसानों को खाद के लिए तरसाकर सिर्फ उपचुनाव क्षेत्रों में बांटने की राजनीति का विकृत रूप है। सरकार से मदद और सुरक्षा की उम्मीद की जाती है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार खुद किसानों के लिए एक धोखेबाज और शिकारी साबित हो रही है।
सीएम मोहन यादव से की यह मांग
कमलनाथ ने सीएम डॉ. मोहन यादव से मांग की कि किसानों के साथ इस दोहरे व्यवहार का जवाब क्यों नहीं दिया जा रहा? किसानों के लिए खाद की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन आपकी सरकार ने लूट को अधिकार और धोखे को जिम्मेदारी मान लिया है। याद रखें! किसानों के आंसुओं से बहकर कई सरकारें चली गई हैं, वे बोना भी जानते हैं और काटना भी।