नर्मदा समग्र, नर्मदापुरम संभाग के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली पर्यावरण पंच कोसी यात्रा इस बार भी बड़े धूमधाम से निकाली गई। यह यात्रा समाज में जन-जागरण फैलाने के लिए नर्मदा समग्र द्वारा हर साल आयोजित की जाती है। देवउठनी एकादशी के बाद नर्मदा भक्त नर्मदा परिक्रमा करते हैं, जिनमें पंच कोसी यात्रा भी एक प्रमुख हिस्सा होती है। इस यात्रा के माध्यम से नर्मदा भक्त अपने धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करते हैं और पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी फैलाते हैं।
यात्रा की विशेषताएं
इस वर्ष की पंच कोसी यात्रा ग्राम सकतपुर, गोरा, चांदला होते हुए बांद्राभान (तवा संगम) तक आयोजित की गई। यात्रा मार्ग में स्थानीय लोगों के साथ संवाद किया जाता है और उन्हें पर्यावरण संरक्षण की अहमियत समझाई जाती है। यात्रा के दौरान पौराणिक धार्मिक स्थलों की जानकारी भी एकत्र की जाती है। इसके साथ ही, स्थानीय औषधियों, वर्ल्ड हेरिटेज ट्री, मिट्टी कटाव, प्राकृत कृषि, और रासायनिक खेती से होने वाले नुकसान जैसे विषयों पर भी चर्चा की जाती है। यात्रा के हर पड़ाव पर विद्यालयों, घाट किनारे आए पर्यटकों और धार्मिक लोगों के साथ चौपाल और संवाद किया जाता है।
यात्रा का उद्देश्य और संदेश
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य नर्मदा के धार्मिक महत्व को उजागर करते हुए पर्यावरण की रक्षा करना है। सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले नुकसान और नदियों को बचाने के उपायों पर भी यात्रियों को जागरूक किया जाता है। इसके अलावा, पौधारोपण के फायदे और प्राकृतिक खेती के लाभों के बारे में भी बताया जाता है। यात्रा में भाग लेने के लिए विद्यार्थी, पर्यावरणविद, नर्मदा भक्त, सामाजिक कार्यकर्ता और मातृशक्ति को प्रेरित किया जाता है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी
इस बार की यात्रा में भोपाल से आए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया, जिनमें इंज. सतीष वराठे, इंज. दुपेंद्र झरबडे, व्यवसाई नितेश देवडे, नर्मदा समग्र घाट टोली के श्याम सुंदर बावरिया और नर्मदापुरम के संभाग समन्वयक नवीन बोड़खे शामिल थे। इन सभी ने यात्रा में भाग लेकर इसे सफल बनाने में योगदान दिया।