18 सितंबर 1949 को आज से ठीक 74 साल पहले संविधान सभा में देश के नाम पर बहस हो रही थी। बहस इस बात पर कि देश का नाम क्या हो. भारत या इंडिया? आज फिर वही तारीख है 18 सितंबर 2023. यानी आज की तारीख में एक बार फिर संसद में देश के नाम को लेकर बहस हो सकती है। अटकलें ये भी हैं कि सरकार देश से जुड़े नाम को लेकर कोई प्रस्ताव ला सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि संसद के विशेष सत्र के लिए आज की यह तारीख भी काफी सोच-समझकर चुनी गई है। जानकारों का तो ये तक कहना है कि यह एक मात्र संयोग नहीं हो सकता कि एक विशेष तारीख पर संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। आखिर सरकार ऐसा क्या करने वाली है। ये सोचने पे विपक्ष मजबूर है।
भारत या भारतवर्ष करने का संशोधन प्रस्ताव
आपको बता दें कि ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के एचवी कामथ ने 74 साल पहले देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत या भारतवर्ष करने का संशोधन प्रस्ताव सदन में पेश किया था। लेकिन इस प्रस्ताव के विरोध में 51 वोट जबकि पक्ष में 38 वोट पड़े थे, जिस वजह से यह प्रस्ताव खारिज हो गया था। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में 18 सितंबर 1949 की बहस ऐसा पहला मौका था, जब संविधान सभा में देश के नाम को लेकर चर्चा हुई थी। वहां अम्बेकडर ने दो नाम इंडिया और भारत सुझाए थे। इस बहस के दौरान कामथ ने कहा था कि जन्म के बाद हर बच्चे का नामकरण होता है और जल्द ही इंडिया का भी जन्म होगा। देश के नाम को लेकर कई सुझाव थे, जिनमें हिंदुस्तान, हिंद, भारतवर्ष, भारत और भारतभूमि प्रमुख रहे थे। हालांकि आज से संसद का पांच दिवसीय “अमृत काल” सत्र शुरू हो रहा है। संसद के विशेष सत्र के एजेंडे में इंडिया और भारत नाम के साथ -साथ भारत के संसदीय लोकतंत्र के विकास पर चर्चा शामिल है।
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आठ विधेयकों को चर्चा और पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया गया
इस सत्र के दौरान कुल आठ विधेयकों को चर्चा और पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी विधेयक भी शामिल हैं। चलिए जान लेते हैं की संसद के इस विशेष सत्र के दौरान क्या – क्या हो सकता है। संसद के विशेष सत्र में आज यानी सोमवार को संसद के 75 साल के सफर पर चर्चा होगी। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यसभा में बीजेपी के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल द्वारा संसद के 75 साल पूरे होने पर होने वाली चर्चा का उद्घाटन किये जाने की संभावना है। तो वहीं मंगलवार को सुबह 11 बजे, एक समारोह में भारतीय संसद की समृद्ध विरासत को याद किया जाएगा और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया जाएगा। इस समारोह के लिए सेंट्रल हॉल में लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की एक बैठक होगी। इसके बाद एक फोटो सेशन होगा।
विशेष सत्र की बैठक को नए संसद भवन में शिफ्ट किया जायेगा
तो वहीं इस दौरान सेंट्रल हॉल में मंगलवार के समारोह के बाद विशेष सत्र की बैठक को नए संसद भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा। चूंकि उस दिन गणेश चतुर्थी है, इसलिए नए संसद भवन बिल्डिंग में प्रवेश से पहले एक पूजा का आयोजन हो सकता है। हालांकि नए संसद भवन में विशेष सत्र की बैठक 20 सितंबर से शुरू होगी। आपको बता दे कि संसद के विशेष सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में कई दलों के नेता शामिल हुए। हालांकि, इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे अनुपस्थित रहे थे। वहीं कल प्रधानमंत्री मोदी अपना 73वां जन्मदिन मना रहे थे। तो वहीं, कांग्रेस नेता खरगे हैदराबाद में पार्टी की कार्य समिति की बैठक में भाग ले रहे थे। सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त बिल, पोस्ट ऑफिस बिल, अधिवक्ता बिल और प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियॉडिकल बिल’ को सत्र में चर्चा एवं पारित कराने के लिए शामिल किया है।
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राष्ट्र समिति सहित कई दलों ने महिला आरक्षण विधेयक को पेश करने पर दिया जोर
तो वहीं कल शाम को आयोजित सर्वदलीय बैठक में नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति सहित कई दलों ने महिला आरक्षण विधेयक को पेश करने पर जोर दिया है। तो हो सकता है कि इस बिल पर भी सरकार चर्चा करे। इस सप्ताह की शुरुआत में सरकार ने देश का नाम बदलने या “एक राष्ट्र एक चुनाव” पर विधेयक के बारे में कई दिनों की अटकलों पर विराम लगाते हुए एजेंडे की घोषणा की है सरकार ने दावा किया कि विशेष सत्र के एजेंडे का खुलासा करने की कोई परंपरा नहीं है, जिसका विपक्ष ने कड़ा विरोध किया है। इस सत्र को बुलाने के पीछे सरकार के खिलाफ विपक्ष का कड़ा रुख देखने को मिल रहा है। अब देखना यह की आखिर सरकार आज क्या करेगी और किन मुद्दों को उठाएगी। इस जानकारी में फ़िलाल इतना ही इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए देखते रहिये प्रदेश तक।