मुंबई पुलिस ने सोमवार को बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में बड़ा खुलासा किया कि हत्या के समय जीशान सिद्दीकी भी शूटरों के निशाने पर थे। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने पूछताछ के दौरान यह कबूल किया कि उन्हें दोनों को मारने का आदेश मिला था। शूटरों को निर्देश दिया गया था कि जो भी मिले, उसे मार दें। जीशान को कुछ दिन पहले धमकी भी दी गई थी अब तक इस हत्याकांड में 6 आरोपियों की पहचान हो चुकी है, जिनमें से 3 को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन आरोपियों में धर्मराज, शिव कुमार, गुरमेल, जीशान अख्तर, शुभम लोंकार और प्रवीन लोंकार के नाम सामने आए हैं। धर्मराज, गुरमेल और प्रवीन लोंकार को गिरफ्तार किया जा चुका है।
धर्मराज और गुरमेल को 13 अक्टूबर को कोर्ट में पेश किया गया, जहां धर्मराज ने खुद को नाबालिग बताया। लेकिन उसकी यह दलील अदालत में खारिज हो गई। हड्डी परीक्षण के दौरान उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा पाई गई।
12 अक्टूबर की रात हुई थी बाबा सिद्दीकी की हत्या
12 अक्टूबर की रात बांद्रा में एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी गई थी। यह हत्या उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर की गई थी। बाबा सिद्दीकी तीन बार बांद्रा से कांग्रेस के विधायक रह चुके थे। इस साल फरवरी में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर अजित पवार का साथ दिया था। बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली है।
सिद्दीकी हत्याकांड के 3 प्रमुख पहलू
ऑटो से उतरे शूटरों ने चलाईं 6 गोलियां
पुलिस ने 13 अक्टूबर को बताया कि हत्या करने वाले शूटर ऑटो से आए थे और उन्होंने बाबा सिद्दीकी पर 6 गोलियां चलाईं। इनमें से 3 गोलियां सिद्दीकी को लगीं। यह फायरिंग 9.9 मिमी पिस्तौल से की गई, जिसे लॉरेंस गैंग अक्सर इस्तेमाल करता है। 3 शूटरों ने मिलकर फायरिंग की थी।
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- हत्या में 3-4 नहीं, बल्कि 10-15 लोग थे शामिल
सूत्रों के अनुसार, बाबा सिद्दीकी की हत्या में केवल 3-4 नहीं, बल्कि 10-15 लोगों का एक समूह शामिल था। जब सिद्दीकी अपने बेटे के ऑफिस से बाहर आ रहे थे, तो इस समूह ने उनसे पूछा कि क्या वह दशहरा नहीं मनाएंगे। उन्होंने समूह के साथ जश्न मनाया, और जब वह अपनी कार की आगे की सीट पर बैठने लगे, तब पटाखों की आवाज के बीच उन पर गोलियां चलाई गईं। - बेटे जीशान की भी हत्या हो सकती थी
सूत्रों ने बताया कि बाबा सिद्दीकी और उनके बेटे जीशान दोनों ऑफिस से बाहर निकले थे, लेकिन हत्या से ठीक पहले जीशान को एक कॉल आई, जिसके बाद वह वापस ऑफिस चले गए। इसी दौरान बाबा सिद्दीकी पर हमला हुआ। जीशान का एक पुनर्विकास परियोजना को लेकर विवाद चल रहा था। अब पुलिस ने पुष्टि की है कि शूटरों को बाबा सिद्दीकी के साथ-साथ जीशान सिद्दीकी की भी हत्या का आदेश दिया गया था।