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पांढुरना विधायक का एक अनोखा अंदाज अपने ग्राम रजोलारैयत में मढ़ई मेले में बासुरी बजाकर झूमते रहे

गुड्डू कावले पांढुरना: दीपावली के पावन पर्व पर आदिवासी अंचल के ग्रह ग्राम रजोलारैयत में आयोजित मढ़ई मेले में पांढुरना विधायक नीलेश उइके अपने आदिवासी संस्कृति में अपने हाथो में बासुरी लेकर बजाते झूमते देखे गए। विधानसभा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य होने के नाते क्षेत्र में आदिवासी संस्कृति के विभन्न आयोजन होते है।

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इस गांव में विधायक नीलेश उईके ने किसानों के साथ गीत गाकर मढ़ई मेले का आनंद लिया। उन्होंने बंसी बजाकर किसानों के साथ झूमते रहे। साथ ही गोवर्धन पूजन में सामिल हुवे। गोमाता की पूजा कर गोमाता के माथे पर तिलक लगाकर नमन किया। हर साल विधायक उइके अपने गृहग्राम रजोला रैयत में सामाजिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पूरे उत्साह के साथ सामिल होते है। क्षेत्र में उनकी आदिवासी संस्कृति के आयोजन पर रामलीला के आयोजन में रावण की भूमिका में नाटिका करते है। तो कभी ढोल नगाड़े बजाते है। तो कभी भजन कीर्तन में गायन की भूमिका में देखे जाते है। विधायक निलेश उइके क्षेत्र में लोगो के साथ हमेशा सक्रिय रूप से बने रहते है।

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