अपने अलग अलग रंगों की गाडियां तो जरूर सड़कों पर दौड़ती देखी होगी लेकिन क्या कभी गाड़ियों पर लगी अलग अलग कलर की नंबर प्लेटस पर गौर किया है ,, ये कलरफुल नंबर प्लेट का अगर हमे सही मतलब पता हो तो गाड़ी के ओनर के पद का पता लगाया जा सकता है ,,,,, ये हम आपको बाद में बतायेगे की आखिर नंबर प्लेट के कलर से ओनर के पद का पता कैसे लगेगा ,, पहले ये समझना होगा की कितने रंग की नंबर प्लेट ,, भारत में वाहनों को दी जाती है क्योकि अधिकांश लोगों तो केवल प्लेट सफेद और पीले रंग के बारे में ही पता होगा लेकिन शायद आप नहीं जानते हैं कि इनके अलावा भी कुछ खास रंग की नंबर प्लेट देश में उपयोग की जाती है।
भारत में सात कलर की नंबर प्लेट
भारत में सात कलर की नंबर प्लेटों का आवंटन सरकार द्वारा किया जाता है। इन सभी सात रंग की खासियत और उनका उपयोग कौन – कौन कर सकते हैं ,, इसके बारे में आज हम आपको बताएंगे। तो आइए जानते हैं कि कौन कौन से है नंबर प्लेटस के रंगपहला बहुत ही सामान्य सफ़ेद रंग की नंबर प्लेट,, जो ज़्यदातर गाड़ियों पर रहती है अगर सफेद नंबर प्लेट पर काली स्याही से नंबर लिखा है तो इसका मतलब है कि गाड़ी आम नागरिक की है। हालाँकि, इसका उपयोग कमर्शियल यानी व्यावसायिक उद्देश्यों, जैसे यात्रियों को किराए पर लेना या माल ढुलाई के लिए नहीं किया जा सकता है।
दूसरी कलर की नंबर प्लेट है पीले रंग की जिसके वाहन ,,, व्यावसायिक उपयोग में आते है जैसे ऑटो – टैक्सी ,कैब और ट्रक – बस जैसे अन्य बड़े वाहन हैं। सफेद प्लेट की तरह ही इस पर भी नंबर काले रंग से लिखे होते हैं।
अब उस रंग की नंबर प्लेट की बात जो खुद में एक पावर है वो है राष्ट्रपति और विभिन्न राज्यों के राज्यपालों की गड़ियों की नंबर प्लेट,,हालांकि, 2018 के पहले तक इन वीवीआईपी सरकारी वाहनों पर नंबर की जगह सिर्फ अशोक चिह्न बना हुआ होता था। इन वाहनों की लाल रंग की प्लेट पर सुनहरे रंग में नंबर लिखे होते हैं। यह नंबर सामान्य वाहनों से अलग होते है। इन वाहनों में लाल रंग की नंबर प्लेट पर अशोक स्तंभ का चिह्न बना हुआ होता है।अब बारी है,, नीले रंग के बैकग्राउंड सफेद रंग के नंबर लिखे वाहन का उपयोग राजनियक सेवा के अधिकारी करते हैं। इसमें विदेशी दूतावास के अधिकारी, राजदूत जैसे अधिकारी इन गाड़ियों का उपयोग करते है ,,
आपको बता दे इन वाहनों के नंबर की शुरुआत किसी राज्य के कोड से नहीं बल्कि जिस देश की गाड़ी है, वहां के कोड से होती है। और जब कोई विदेशी प्रतिनिधि भारत के दौरे पर रहता है तो उनकी सेवा में भारत सरकार ये कलर की नंबर प्लेट वाली गाड़ियां मुहिया कराती है ,,, अब बात देश की शान भारतीय सेना के अधिकारिओं की ,,,जिसे एक ब्रॉड एरो वाली नंबर प्लेट मिलती है आपको बता दे ये प्लेट सिर्फ रक्षा मंत्रालय की ओर से आवंटित की जाती है।सेना और सैन्य अधिकारियों के आधिकारिक वाहनों की नंबर प्लेट में नंबर के पहले या तीसरे अंक के स्थान पर ऊपरी ओर इशारा करते एक तीर का निशान होता है। इस तीर के बाद के पहले दो अंक, वाहन के खरीदी वर्ष को दर्शाते हैं। इन वाहनों के पूरा नंबर 11 अंकों में रहता है।
अब आखिरी नंबर प्लेट की बात करते है वो है हरे रंग की जो इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग होगी,,, रिपोर्ट्स की माने तो भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक वेहिकल्स का भविष्य में उपयोग देखते हुए यह एक स्पेशल प्लेट निर्धारित की है , जिसमे नंबर प्लेट का बैकग्राउंड हरे रंग का होगा। निजी उपयोग वाले वाहन में हरे रंग पर सफेद रंग में नंबर लिखे होंगे जबकि कमर्शियल उपयोग वाले वाहनों के लिए हरे रंग की प्लेट पर पीले रंग में रजिस्ट्रेशन नंबर लिखे होंगे ।
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आरटीओ कोड
वही अब एक नजर आरटीओ कोड पर भी डाल लेते है जिससे ये पता चल जाता है किस राज्य की गाडी है जैसे मध्यप्रदेश का आरटीओ कोड MP है और इस कोड के बाद नंबर भी लिखा होता है जैसे भोपाल का MP-04, होशंगाबाद का MP-05 , मुरैना MP-06 ,,ऐसे ही अलग अलग राज्यों का अलग अलग आरटीओ कोड रहता है उसकी के अनुसार जगह का नंबर निर्धारित रहता है। यह नंबर सिस्टम देश के यातायात प्रशासन को सही ढंग से चलाने के लिए विकसित किया गया है। सड़क पर गाड़ी चलाते समय इन अलग-अलग रंग की नंबर प्लेटों पर देख कर अब आप ये अंजादा लगा सकते है की गाड़ी में किस पद का व्यक्ति बैठा है।