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CBSE CREDIT SYSTEM: स्कूलों में पहली बार लागु किया जाएगा क्रीडिट सिस्टम, इसके तहत बच्चो को मिल पाएंगी ये सुविधाएं ….

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By Ankush Baraskar
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CBSE CREDIT SYSTEM: स्कूलों में पहली बार लागु किया जाएगा क्रीडिट सिस्टम, इसके तहत बच्चो को मिल पाएंगी ये सुविधाएं ….

CBSE CREDIT SYSTEM: देश में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई बड़े कदम उठाये जा रहे है। 2023 में आई नई शिक्षा नीति के अंदर CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) के पुराने पैटर्न के अंदर कई एहम बदलाव किए गए थे। अब इसी नई शिक्षा निति के अंतर्गत नए सत्र 2024-2025 से स्कूलों में क्रेडिट सिस्टम लागू करने की योजना बनाई है। आइये जानते है क्या है क्रेडिट सिस्टम और कब से और कैसे लागु किया जाएगा स्कूलों में क्रेडिट सिस्टम, और बच्चो को होने वाले इसके लाभ के बारे में।

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क्या है क्रेडिट सिस्टम?

क्रेडिट सिस्टम का इस्तेमाल अधिकतम विकसित देशों की शिक्षा व्यवस्था में किया जाता है। इससे छात्रों को कई तरह के फायदे होते हैं साथ ही यह पता चल पाता है कि पढ़ाई करने या सीखने के दौरान छात्र के पास कितना वर्कलोड था। भारत में इसके तहत कक्षा 6 से 12 वीं तक हर कक्षा में पढ़ाई पूरी करने/सीखने में कम से कम 1200 घंटे पूरे करने पर छात्रों को 40 क्रेडिट अंक मिलेंगे और अभी तक ऐसा यह क्रेडिट सभी विषयों में परीक्षा पास करने पर मिलेंगे और यह मार्कशीट में अंक/ग्रेड के सामने दर्ज होगा। क्रेडिट सिस्टम उच्च शिक्षा में लागू है जिसके जरिए छात्रों को संस्थान या कोर्स बदलने की सहूलियत होती है।

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भारत में कब और कैसे लागु होगा यह सिस्टम?

भारत में केंद्रीय माध्यम शिक्षा बोर्ड द्वारा अभी तक यह बात साफ नहीं की गई है की क्रेडिट सिस्टम को यहाँ कब से लागु किया जाएगा। लेकिन इसके बारे में जो भी जानकारी सामने आई है उसमे बताया गया है की कक्षा 9-10 के दो भाषा विषयों सहित पांच विषयों में हर विषय के लिए 7-7 क्रेडिट, फिजिकल एजुकेशन के 2 क्रेडिट और आर्ट एजुकेशन के लिए एक क्रेडिट यानी कुल 40 क्रेडिट मिलेंगे। इसी तरह, कक्षा 11-12 के छह विषयों में से भाषा विषयों के लिए 6-6 क्रेडिट और अन्य विषयों के लिए 7-7 क्रेडिट यानी कुल 40 क्रेडिट मिलेंगे।

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क्रेडिट सिस्टम से बच्चो को मिलेंगे यह फायदे

सीबीएसई के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, क्रेडिट सिस्टम से वोकेशनल व सामान्य पढ़ाई के बीच एकेडमिक इक्वलिब्रियम (अकादमिक समतुल्यता) का पता लगता है। अगर कोई छात्र वोकेशनल से सामान्य पढ़ाई की ओर या इसके उलट जाना चाहे तो अदला-बदली आसानी से हो सकेगी। यानी क्रेडिट ट्रांसफर के जरिए किसी भी शिक्षा पद्धति में दाखिला पाना आसान होगा।

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