Chhath Puja Kab Hai:भारत में छठ एक ऐसा त्यौहार है जिसको बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। हमारे हिंदू धर्म में ज्यादातर त्योहारों में मूर्तियों की पूजा की जाती है, लेकिन वही छठ पर्व में मूर्ति की पूजा नहीं होती है, बल्कि छठ के पर्व में सूर्य, उषा, प्रकृति, जल, और वायु पूजा होती है। छठ का त्यौहार भारत के ज्यादातर हिस्सों में मनाया जाता है, इस त्यौहार के दिन स्त्रियां छठ मैया का पूजा करती हैं। छठ पूजा के दौरान लोग सूर्योदय और सूर्यास्त के समय नदियों, झीलों या बारात (घाट) के किनारे जाते हैं। साथ ही सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। वहीं, इस साल यह पर्व 17 नवंबर से शुरू होगा और 20 नवंबर को समाप्त होगा।
Chhath Puja Kab Hai:आखिर छठ पूजा क्यों मनाई जाती है?
पुराणों के अनुसार छठ का त्यौहार पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है, क्योंकि यह बात कथा में सिद्ध होती हुई नजर आती है। कि राजा प्रियवद को कोई संतान नहीं थी, तब महर्षि कश्यप ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराकर उनकी पत्नी मालिनी को यज्ञाहुति के लिए बनायी गयी खीर दी। इसके प्रभाव से उन्हें पुत्र हुआ परन्तु वह मृत पैदा हुआ। प्रियवद पुत्र को लेकर श्मशान गये और पुत्र वियोग में प्राण त्यागने लगे। उसी वक्त ब्रह्माजी की मानस कन्या देवसेना प्रकट हुई और कहा कि सृष्टि की मूल प्रवृत्ति के छठे अंश से उत्पन्न होने के कारण मैं षष्ठी कहलाती हूँ।
हे! राजन् आप मेरी पूजा करें तथा लोगों को भी पूजा के प्रति प्रेरित करें। राजा ने पुत्र इच्छा से देवी षष्ठी का व्रत किया और उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। यह पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को हुई थी।

महाभारत काल से हुई थी छठ पर्व की शुरुआत
हिंदू मान्यता के मुताबिक, कथा प्रचलित है कि छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल से हुई थी। इस पर्व को सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य की पूजा करके शुरू किया था। कहा जाता है कि कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे और वो रोज घंटों तक पानी में खड़े होकर उन्हें अर्घ्य देते थे। सूर्य की कृपा से ही वह महान योद्धा बने। आज भी छठ में अर्घ्य दान की यही परंपरा प्रचलित है।
छठ पूजा(Chhath Puja) 2023 में कब है?
छठ पूजा का पहला दिन | नहाय-खाय | 17 नवंबर, दिन शुक्रवार |
छठ पूजा का दूसरा दिन | खरना (लोहंडा) | 18 नवंबर, दिन शनिवार |
छठ पूजा का तीसरा दिन | छठ पूजा, संध्या अर्घ्य | 19 नवंबर, दिन रविवार |
छठ पूजा का चौथा दिन | उगते सूर्य को अर्घ्य, पारण | 20 नवंबर, दिन सोमवार |