मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटों पर 17 नवंबर को मतदान पूरा हो गया है। जहां प्रदेश के सभी दिग्गज नेताओं ने मतदान किया। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी ग्वालियर में वोट डालने के लिए पहुंचे थे जहां उन्होंने एक बार फिर सीएम फेस को लेकर अपना रुख साफ़ कर दिया है। ग्वालियर में वोट डालने पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया से बातचीत की और उनके मुख्यमंत्री पद के दावेदार होने की सभी अटकलों को खारिज कर दिया। केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से कहा की मैंने पहले से ही कहा है की मैं मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं।
सिंधिया ने कहा मुझसे तीनों बार पूछा गया है
वो आगे कहते है की इस रेस में न मैं कभी था और न ही आज हूं। सिंधिया ने कहा मुझसे तीनों बार पूछा गया है साल 2013 में, साल 2018 में और आज भी और तीनों बार मैंने कहा है कि मैं सीएम की रेस में नहीं हूं। दरअसल, मध्यप्रदेश में पिछले करीब दो दशकों से पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान को ही मुख्यमंत्री बनाए रखा है। शिवराज इस बार भी चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन पार्टी ने इसबार मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर उन्हें घोषित नहीं किया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे की बीजेपी इस बार मुख्यमंत्री बदल सकती है। वहीं बीजेपी ने केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को इस बार विधानसभा चुनाव में उतारा है।
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ये रेस कुर्सी की नहीं है बल्कि ये रेस विकास की है – ज्योतिरादित्य सिंधिया
जिस वजह से इन बातो को और बढ़ावा मिला गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री पद की बात पर आगे कहा की ये रेस कुर्सी की नहीं है बल्कि ये रेस विकास की है, प्रगति की है और जनता के विश्वास को सुनिश्चित रखने की है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर भी हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री पद की कुर्सी की रेस कांग्रेस में होती है। खैर अब इंतजार 3 दिसम्बर का है। आपको बता दें, वोटिंग के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे और उस दिन ये साफ़ हो जाएगा की प्रदेश की जनता ने इस बार किसे चुना है।