भारत में शिवराज सिंह चौहान बीजेपी के लिए अब बहुत ही महत्वपुर्ण हो गए है। चुनावी दिनों के आरंभ में पार्टी के केंद्रीय नेता उनकी योजनाओं और नामो से उनकी कन्नी काट रहे है। कार्यकर्ता महाकुंभ की योजना का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई भी जिक्र नहीं किया था। और अब नाम के साथ उसकी योजनाओ का प्रसार करते है। आइये अब जानते है कि किस तरह सीएम शिवराज सिंह चौहान से आरम्भ में दूर रहने वाली पार्टियाँ भी अब उनका औदा बढ़ाने में लगे है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 2008 से 2018 तक बीजेपी ने शिवराज के सामने चुनाव लड़ा है। हालांकि दो चुनाव में सफलता मिली , किन्तु तीसरे चुनाव में पार्टी सरकार नहीं बना पायी।
जिसके चलते बीजेपी ने उनके सभी प्रत्याशियों की सूची में सात सांसदों सहित तीन केंद्रीय मंत्रियो को चुनाव के रणभूमि में उतार दिया। सीएम के समान्तर नेताओं को प्रत्याशी बनाने से कार्यकर्ता लोगों में सन्देश गया उनके नेता भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं। जिससे की कई नाराज कार्यकर्ताओं को सक्रीय किया गया। इसके चलते यह कहाँ गया की शिवराज सिंह चौहान से अब चुनाव नहीं लड़वाया जाएगा।
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यह है सीएम शिवराज का कद बढ़ाने की वजह

जैसे-जैसे चुनाव आगे बड़ा और पार्टी के पास फीडबैक आने लगा। वैसे पार्टी को यह महसूस होने लगा कि शिवराज सिंह ने जो भी योजनाये की उनको दरिया पार ले जाने में भाजपा को नुकसान हो सकता हैं। इसलिए भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी रैली में न ही सिर्फ सीएम शिवराज का नाम लेना शुरू किया बल्कि लाड़ली बहना योजना का भी जिक्र करना शुरू कर दिया गया हैं।
जनता का है शिवराज मामा से खास लगाव

देश के सीएम शिवराज सिंह चौहान लगातार सफाए कर रहे और अपने भाषण से देश की जनता को साधने का काम कर रहे हैं। उनके पास यह क्षमताएं भी हैं। शिवराज जनता की भावनाओं से जुड़ी बातों पर ध्यान देते हुए बात करते हैं। जनता को शिवराज अपने जैसे लगते हैं। शिवराज जनता के साथ बैठ जाते है, खाना खाने लगते हैं। गरीबों के दुःख-दर्द समझते है। यही है शिवराज की खासियत। इसी खास वजह के कारण पार्टी अब शिवराज सिंह चौहान के चेहरे की साख को भुनाने का प्रयास कर रही हैं।
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चुनाव हारे या जीते शिवराज ही होंगे फैक्टर

एमपी के वरिष्ठ पत्रकार प्रभु पटेरिया का कहना है कि भले ही मध्य प्रदेश के दिलों दिमाग में मोदी के नारों के साथ भाजपा चुनावी मैदान में उतरी और बड़े नेताओं को प्रत्याशी बनाया। लेकिन इन सब के बाद भी यह चुनाव सिर्फ शिवराज सिंह चौहान पर केंद्रित हैं। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह की सक्रियता और लाड़ली बहना योजना जैसी योजनाए भाजपा को बहुत फायदा पहुंचाते दिख रही हैं। यही वजह के कारण पार्टी अब शिवराज सिंह चौहान के चेहरे की साख को भुनाने का प्रयास कर रही हैं। और इसी के साथ उन्होंने आगे कहा कि भाजपा जीते या हारे दोनों परिस्थिति में फैक्टर शिवराज होंगे।