मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले जहा शिवराज सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है, तो वही बीजेपी के कई बड़े नेता भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर पार्टी से दूरी बना चुके हैं अब जिलाधिकारी भी शिवराज सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार को स्वीकार रहे है अभी हाल ही में सोमवार को श्योपुर कलेक्टर का एक वीडियो सामने आया था जिसमे वो मनरेगा में व्याप्त घोटाले का जिक्र करते दिखे तो वही अब फिर बैतूल कलेक्टर के ट्विटर हैंडल से शिवराज सरकार को भ्रष्टाचारी बताने का मामला सामने आया है।
ट्विटर से सरकार विरोधी पोस्ट आई सामने
बता दे की बैतूल कलेक्टर के ट्विटर से सरकार विरोधी पोस्ट सामने आई है, जिसमे एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कैप्शन में लिखा गया है की जनता अब भ्रष्टाचारी सरकार को सत्ता से बाहर कर देगी साथ ही लगे पोस्टर में घोटाला ही घोटाला और 86 हजार करोड़ लिखा गया है। बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस मध्य प्रदेश के विवादित अधिकारी व मौजूदा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के बेटे हैं ऐसे में उनके हैंडल से हुई पोस्ट, सियासी जगत में चर्चाओं का विषय बनीं हुई है जब यह मामला तूल पकड़ने लगा तो बैंस ने एडीएम जय प्रकाश सैयाम को एफआईआर कराने के निर्देश दिए।
जयप्रकाश सय्याम ने प्रशासन की ओर से सौंपा आवेदन
जिसके बाद बैतूल गंज थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है एसडीएम जयप्रकाश सय्याम ने प्रशासन की ओर से एक आवेदन भी सौंपा है पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 की धारा 66 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला साइबर सेल को भेज दिया। इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा की 50 % कमीशन पर दूसरे कलेक्टर की पोस्ट बैतूल कलेक्टर ने रिट्वीट किया जनता अब भ्रष्टाचारी सरकार को सत्ता से बाहर कर देगी उन्होंने आगे लिखा की शिवराज ने श्योपुर और बैतूल कलेक्टर ने जनता को इशारा कर दिया है अब मध्यप्रदेश से आपका 50 % कमीशन राज जाने वाला है।
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कलेक्टर के एक्स हैंडल का संचालन करने वाले कर्मचारी की सेवाएं हुई ख़त्म
वही आपको बता दे की जनसंपर्क विभाग ने बैतूल में कलेक्टर के एक्स हैंडल का संचालन करने वाले कर्मचारी की सेवाएं समाप्त कर दी गई है इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। यह पूरा मामला बैतूल जिले का है जहा बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस के नाम से एक ऑफिशियल अकाउंट संचालित किया जाता था जो वर्तमान में बंद कर दिया गया है अब देखना यह होगा की आगे इस पूरे मामले पर क्या कार्रवाई होती है।