दतिया में स्थित माँ पीताम्बरा देवी को शक्ति और तंत्र साधना की देवी माना जाता है। उन्हें बगलामुखी के रूप में भी पूजा जाता है। माँ पीताम्बरा अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं, इसलिए देश के कई बड़े नेता, जज, उद्योगपति और साधक यहाँ अपनी प्रार्थनाएं लेकर आते हैं। माना जाता है कि जो भी सच्चे मन से माँ से कुछ मांगता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है।
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मंदिर का ऐतिहासिक महत्व और उत्पत्ति
माँ पीताम्बरा का मंदिर मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित है और इसे तंत्र साधना के लिए एक प्रमुख स्थल माना जाता है। माँ की उत्पत्ति भगवान विष्णु और शिव की शक्ति से मानी जाती है और वे दस महाविद्याओं में से छठी हैं। 1935 में राष्ट्रगुरु स्वामी जी महाराज ने यहाँ माँ पीताम्बरा की प्रतिष्ठा की, जिसके बाद यह स्थान पीताम्बरा पीठ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
राष्ट्र रक्षा अनुष्ठान और राष्ट्रगुरु का सम्मान
1962 में चीन युद्ध के दौरान, स्वामी जी ने राष्ट्र रक्षा अनुष्ठान का आयोजन किया था। इस यज्ञ की पूर्णाहुति के दिन युद्ध की समाप्ति की घोषणा हुई, जिसके बाद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्वामी जी को ‘राष्ट्रगुरु’ की उपाधि से सम्मानित किया। यह यज्ञ माँ पीताम्बरा के शक्तिपीठ की अद्भुत शक्ति का प्रमाण माना जाता है।
राजनेता और उद्योगपति माँ के भक्त
माँ पीताम्बरा के दर्शन करने के लिए देश के प्रमुख नेता, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राज्यपाल आते हैं। इसके अलावा उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के जज, बड़े उद्योगपति और साधक भी माँ के दरबार में अपनी प्रार्थनाएं रखते हैं। माँ को विशेष रूप से संकट मोचक और विजयदायिनी देवी के रूप में माना जाता है, जो अपने भक्तों के सभी दुख दूर करती हैं।
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पीठ पर आयोजित होते हैं विशेष अनुष्ठान और उत्सव
पीताम्बरा पीठ पर साल में चार नवरात्रियों का आयोजन होता है, जिसमें दो प्रकट और दो गुप्त नवरात्रि के दौरान विशेष जप यज्ञ होते हैं। यहाँ तंत्र साधना के साधक 24 घंटे माँ की आराधना में लीन रहते हैं। इसके अलावा, त्रिजयंती महोत्सव, गुरु पूर्णिमा, और स्वामी जी महाराज की पुण्यतिथि पर देश-विदेश से भक्त यहाँ आते हैं।
दतिया का प्रमुख शक्तिपीठ
मध्य भारत में स्थित माँ पीताम्बरा का मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि तंत्र साधना के लिए भी प्रसिद्ध है। देशभर से साधक यहाँ तंत्र साधना करने और माँ के आशीर्वाद से अपनी साधना को सिद्ध करने आते हैं। पीताम्बरा पीठ आज भी अपने तंत्र साधना के लिए विख्यात है, जहाँ माँ पीताम्बरा के भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।