Tuesday, October 3, 2023
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डाइबिटीज़ से बढ़ता खतरा, जानिए लोगों को कितना परेशान कर रहा है

डाइबिटीज़ से बढ़ता खतरा, जानिए लोगों को कितना परेशान कर रहा है, हम आपकी सेहत का खास ख्याल रखना चाहते हैं। इसलिए हर रोज हम आपको एक नयी जानकारी देते है। जिससे आपका जीवन सरल हो सके और आप अपने शरीर से जुड़ी कमिओं से जल्द से जल्द  रूबरू हो सकें। आज हम बात करेंगे डाइबटीज के बारें में जिसको जानकार आप अपने परिवार और अपना ख़ास ख्याल रख सकते हैं। डाइबिटीज को आम भाषा में लोग शुगर की बीमारी कहते हैं। इससे जुड़ी जानकारी हम आपको देंगे। अगर आप इसको पूरा पढ़ेंगे तो जान सकेंगे की शुगर के होने से आपको क्या करना है, क्या नहीं जिससे चलते आप इससे होने वाली समस्याओं से रूबरू हो पाएंगे कि आपकी सेहत के लिया क्या लाभदायक है। जानिए ?

कितने लोगों को इस बीमारी से जूझना पड़ रहा है ?

बिमारिओं के चल रहे दौर में डाइबिटीज से लगभग देश में 10 करोड़ लोग पीड़ित हैं। जबकि 13 करोड़ लोग प्री-डाइबिटिक हैं। आजकल तो डाइबिटीज आम बीमारी हो गयी है जो हर घर में  किसी न किसी को होतो ही है। जिसकी वजह से लोगों की रोजमर्रा जीवन में काफी बदलाव देखने को मिल रहे है। उनकी जीवन शैली इतनी ज्यादा प्रभावित है की लोगों को उनकी सुबह शाम अस्पताल में ही नजर आती है। उसी के चलते आईसीएमआर और मद्रास डाइबिटीज रिसर्च फाउंडेशन द्वारा जून 2023 में जारी शोध में यह खुलासा किया गया की प्री डाइबिटिक में से आधे अगले 5 साल में डाइबिटीज के  शिकार हो सकते हैं। तो वहीँ कुछ केसेस ऐसे हैं जो इस डाटा में शामिल ही नहीं है। क्युकी आम तौर पर डाटा जुटाने वाले लोग ऐसे जगह नहीं पहुँच पाते हैं। जहाँ आम लोगों का साफ़ ब्यौरा देखने को मिलता है।

डाइबटीज होने पर नजर आएंगे ये लक्षण  

दरअसल कोशिकायें एनर्जी के लिए शुगर पर ही निर्भर होती है, लेकिन उन तक शुगर तभी पहुँच पाती है। जब इन्सुलिन हार्मोन सही तरीके से काम कर रहा हो तो हमे किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। यदि हमारी जीवनशैली खराब हो तो इन्सुलिन की कार्य करने की शक्ति कम हो जाती है। और पैंक्रियास को अधिक काम करना पड़ता है इसके बाद जब पैंक्रियास भी थकने लगता है तो उसी के चलते शुगर भी बढ़ने लगती है और जब शुगर का लेवल हमारे शरीर में बढ़ या कम होने लगता  है तो हमारे दिल,किडनी,नर्व,आँखे, और दिमाग आदि पर इसका असर पड़ता है। ऐसे में दोनों ही स्तिथिओं में शरीर में कई लक्षण नजर आने लगते हैं जिसकी जानकारी होना हमारे लिए बेहद जरुरी होता है। कभी -कभी तो इससे शरीर मोटा होने लगता है या फिर उसके शरीर में पतलापन भी आ जाता है। जिसके लक्षण डाइबिटीज में दिखने लगते है।

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दूसरा लक्षण

चलिए आईये बात करते हैं, इन लक्षणों के बारे में  सबसे पहले तो हम आपको बता दे की जब शरीर में शुगर की मात्रा अधिक होती है तो किडनी बढ़ी हुई मात्रा से शरीर को छुटकारा दिलाने की कोशिश करती है। वह शुगर को यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकालने लगती है इसके लिए शरीर को टिश्यू से अधिक पानी खींचना पड़ता है। ऐसे में प्यास अधिक लगती है इसी के चलते  बार – बार यूरिन भी आती है। तो वहीँ त्वचा और मुँह अधिक सूखने लगता है यह तो पहला लक्षण हो गया।

तीसरा लक्षण

इसके चलते कभी -कभी जब शुगर की मात्रा को कम करने के लिए शरीर टिश्यू से पानी अधिक अवशोषित करने लगता है तब आँखों के लेंस में फ्लूड का स्तर बदलने लगता है। अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ डॉयबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज के अनुसार इससे आँखों को फोकस करने में दिक्कत होती है। हमें धुंधला दिखने लगता है तो वही शुगर मष्तिष्क की कार्य प्रणाली को भी प्रभावित करती है। जिससे यादाश्त में कमी होने लगती है। स्पष्ट रूप से सोचने में दिक्कत और एकाग्रता प्रभावित होती है। प्री – डाइबिटिक और डाइबिटिक दोनों ही स्टेज में भोजन के 3 से 5 घंटे के बाद भी मष्तिष्क को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलती है। जिससे confusion सिरदर्द, चक्कर आने जैसी समस्याएं होती हैं। कभी कभी आपको वीकनेस भी महसूस होती है।

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चतुर्थ लक्षण

एक ओर शुगर की अधिक मात्रा शरीर में बैक्टीरिया फंगस और अन्य रोगजनकों के लिए वातावरण तैयार करती है इससे व्यक्ति को बार – बार संक्रमण होता है खासकर यूरिनरी ट्रैक्ट, जननांगों में फंगल संक्रमण और फोड़े – फुंसी जैसे संक्रमण अधिक होते हैं अधिक शुगर के कारण घाव भरने में भी समय ज्यादा लगता है. इसी तरह के लक्षणों को देख कर डाइबिटीज जैसी बीमारी का पता लगाया जा सकता है अब इस बीमारी के लक्षण युवाओं में भी अधिकतर बढ़ते हुए दिख रहे हैं जो लोगों को हैरान के साथ -साथ परेशान भी कर रहे है। इसका कारण कुछ और नहीं बल्कि वही अनहेल्दी फूड और डेस्क-बाउंड लाइफस्टाइल की आदतें डायबिटीज के कुछ महत्वपूर्ण फैक्टर बन गयी हैं। इसके अलावा यदि सही समय पर बीमारी का उचित प्रबंध नहीं किया जाता है,, तो यह गंभीर शारीरिक कॉम्प्लिकेशन का कारण बन सकता है।

इसके इलाज के तौर पर ध्यान रखने योग्य बातें

हालांकि आपको पता है की डायबिटीज का इलाज नहीं है लेकिन इसे कंट्रोल करने के कई तरीके हैं आयुर्वेद के अनुसार डेली रूटीन में कुछ बदलाव से शुगर लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद मिल सकती है। ध्यान से खाने के साथ ये छोटी सरल डेली रूटीन शरीर से गंदगी के नहीं जमने देता है। डायबिटीज के लिए आयुर्वेद डाइट के अनुसार नीचे कुछ सुपरफूड्स की लिस्ट है जिनका आप रोजाना सेवन कर सकते हैंजैसे आयुर्वेदिक ड्रिंक, अनाज, व्यायाम और योग , सब्जियां, दालें , अपने खान- पान में इस्तेंमाल करनी चाहिए। आपको अपनी डाइट में अनावश्यक चीजों को शामिल करने से बचना चाहिए।

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