रक्षा क्षेत्र में हम काफी तेजी से आत्मनिर्भर हो रहे हैं। आज हम जो हथियार बनाते हैं, उनका निर्यात भी करते हैं, इसी कड़ी में बात करें तो, स्वदेशी तोप को बनाने के मामले में मध्यप्रदेश के जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री यानी जीसीएफ को एक बड़ी कामयाबी हासिल होने जा रही है। 42 किलोमीटर तक गोला दागने वाली 155 एमएम 52 कैलिबर वाली तोप का परीक्षण दिसंबर में राजस्थान के पोकरण रेंज में होगा। यह सेना की सबसे बड़ी ताकत कही जाने वाली धनुष तोप का नया वर्जन है। इससे सेना और ताकतवर होगी, इस ऑटोमैटिक तोप के एमुनेशन हैंडलिंग सिस्टम पर विशेषज्ञ काम कर रहे है।
बालासोर में एक साथ तीन तोप से होगी फायरिंग
आपको बता दें, ओडिशा के बालासोर में एक साथ तीन तोप से फायरिंग होनी है। अब बात अगर इस तोप के बारे में करें तो, 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष की तरह, इसकी मारक क्षमता 4 किमी से ज्यादा है, वहीं 38-40 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाली धनुष तोप सेना में शामिल है, धनुष का यह अपडेटेड वर्जन दिन और रात की लड़ाई में भी कई तरह के खतरे आसानी से झेल सकती है।
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धनुष बेहद शक्तिशाली होवित्जर है
अब नज़र 155 मिमी 45 कैलिबर वाली धनुष पर डाले तो, धनुष बेहद शक्तिशाली होवित्जर है। 2010 में डिजाइन की गई इस तोप को ऐडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड बनाती है। इस 13 टन वजन वाली धनुष का निर्माण 2015 से शुरू हुआ था। इस गन को मेक इन इंडिया पहल की सफलता के रूप में देखा जाता है। धनुष को किसी भी मौसम में, कैसी भी टेरेन में उपयोग किया जा सकता है। आपको बता दे, 8 अप्रैल 2019 को आधिकारिक रूप से ‘धनुष’ भारतीय सेना में शामिल हुई, वहीं 2020 में 71वें गणतंत्र दिवस की परेड में पहली बार धनुष राजपथ पर नजर आई।