Wednesday, November 29, 2023
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एक पत्रिका ऐसी भी… प्रवासी व्यवसाइयों को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए डिजाइन करवाई है कुमकुम पत्रिका!

पांच राज्यों में लोकतंत्र का महापर्व चल रहा है तो उम्मीदवारों के भाग्य विधाता यानि जनता के द्वार पर नेताओं का तांता लगा है अब जनता को, मतदान केंद्र तक जाना है और अपने भविष्य को चुनना है तो मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक लाने के लिए राजस्थान के जालौर के ज़िला कलेक्टर ने अनूठी पहल की है। जालौर कलेक्टर निशान्त जैन ने जिले से बाहर रहने वाले प्रवासी व्यवसाइयों को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए कुमकुम पत्रिका डिजाइन करवाई है ये पत्रिका प्रवासी मतदाताओं को डिजिटल माध्यम से भेजकर उन्हें वोटिंग में ज़्यादा से ज्यादा हिस्सा लेने की गुजारिश की जा रही है।

मैरिज कार्ड पैटर्न पर ये पत्रिका डिजाइन की गई है

जिस तरह से किसी की शादी की पत्रिका छपती है। ठीक उसी पैटर्न पर ये पत्रिका डिजाइन की गई है, बता दें कि 23 नवंबर को राजस्थान में देव उठनी एकादशी को हजारों शादियां हो रही है प्रदेश में इस मुहुर्त को बेहद शुभ माना जाता है और बड़ी संख्या में शादियां होती है। जिला कलेक्टर निशान्त जैन भी इससे वाकिफ है और इसिलिए इस मौके को वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए भुनाने की कोशिश कर रहे हैं राजस्थान में 25 नवम्बर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी। लिहाजा वोट प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जालोर जिला कलेक्टर ने ये नवाचार किया है।

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कारोबारी ज्यादातर दक्षिण भारत में ज्यादा कारोबार करते हैं

जालौर जिले से करीब डेढ़ लाख मतदाता बाहर प्रवासी व्यवसायी हैं। यहां के कारोबारी ज्यादातर दक्षिण भारत में ज्यादा कारोबार करते हैं यही वजह है कि ये ज़िला मतदान के औसत में राज्य के औसत मतदान से पीछे रह जाता है। पिछले दो विधानसभा चुनावों की बात करें तो राजस्थान में साल 2013 में औसत मतदान 74.3 प्रतिशत हुआ था तो साल 2018 में 75.1 प्रतिशत मतदान हुआ था, लेकिन जालोर जिले का औसत मतदान कम रहा था।

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मतदान 70 प्रतिशत पार नहीं कर पाया था

जालोर जिले में मतदान 70 प्रतिशत पार नहीं कर पाया था। लिहाजा जिले का औसत मतदान बढ़ाने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशन पर स्वीप टीम की तरफ से ये प्रयास किये जा रहे हैं इसी के तहत डिजिटल कुमकुम पत्रिका भेजकर मतदान के लिए मतदाताओं को न्योता दिया जा रहा है। प्रदेश के बेहतरीन प्रशासनिक अधिकारियों में गिने जाने वाले कलेक्टर डॉ. निशान्त जैन की ये पहल कितना असर दिखाती है। ये 25 नवंबर को ही पता चलेगा, लेकिन उनके इस प्रयास की हर तरफ तारीफ तो हो ही रही है।

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