Gende Ki Kheti 2024:किसानों को लखपति बना देंगी गेंदे की खेती होंगा तगड़ा मुनाफा,जाने पूरी जानकारी। गेंदे का फूल भारत में लगभग हर जगह उगाया जाता है।इसकी कई किस्में हैं,जिन्हें उनके फूलों की खुशबू या तेल के लिए उगाया जाता है.इसकी खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.
जाने गेंदे की प्रमुख किस्में के बारे में
भारत में गेंदे की कई किस्में पाई जाती हैं,जिनमें से कुछ प्रमुख किस्में जो किसानों द्वारा अधिक इस्तेमाल की जाती हैं, वे नीचे बताई गई हैं.
- बनारसी गेंदा
- एरो गोल्ड गेंदा
- डबल ऑरेंज गेंदा
- पूसा ऑरेंज गेंदा
- पूसा बसन्ती गेंदा
- लड्डू गेंदा
गेहूं की खेती के लिए सबसे पहले पौधा तैयार किया जाता है।बाद में इसे खेत में लगाया जाता है.पौधा तैयार करने में लगभग 1 महीना लग जाता है।नए किसानों के लिए पौधा तैयार करना मुश्किल होता है।यदि पौधशाला खराब हो जाती है,तो किसानों को प्रति एकड़ 30 हजार से 40 हजार रुपये का नुकसान हो सकता है।इसलिए, नए किसानों के लिए बेहतर है कि वे पौधे खरीद लें।गेंदे के पौधे की कीमत 30 पैसे से 80 पैसे प्रति पौधा तक होती है।हालांकि,इसके बीजों की कीमत एक लाख से डेढ़ लाख रुपये प्रति किलो तक होती है।प्रति एकड़ 8 हजार से 10 हजार गेंदे के पौधे लगाए जाते हैं.
जाने कैसे करे खेत की तैयारी
गेंदे के फूलों की पैदावार आपके खेत की तैयारी पर निर्भर करती है।गेंदे की खेत की तैयारी के लिए प्रति एकड़ में 4 ट्रॉली अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद डालें और फिर उसको खेत में जोत दें।25 किलो यूरिया और 50 किलो SSP मिलाकर प्रति एकड़ में डालें और फिर खेत की जुताई करें।इससे क्यारी बनकर तैयार हो जाती है.
पौधे लगाने की विधि
गेंदे के पौधों के बीच की दूरी उसकी प्रजाति और मौसम पर निर्भर करती है।आप क्यारी (4×1)-(2×1.5)-(3×2)-(4×2) आदि रख सकते हैं।क्यारी से क्यारी के बीच की दूरी 4 फीट और पौधे से पौधे की दूरी 1 फीट रखें।एक में लगाए गए पौधे अच्छी तरह से बढ़ते हैं और उनका रखरखाव आसान होता है।इससे पौधों में हवा का अच्छा संचार होता है और फफूंद जनित रोग कम लगते हैं।कोलकाता और बनारसी गेंदे के लिए (4×1) क्यारी सबसे अच्छी होती है।
रोपण की विधि
गेंदे के पौधे हमेशा दोपहर 2 बजे के बाद ही लगाएं और रोपण के तुरंत बाद पानी दें।रोपण के बाद 3 दिनों तक पौधे के आसपास की मिट्टी को गीली रखें और समय-समय पर पानी देते रहें। गेंदे की खेती समतल खेत में क्यारियां बनाकर करनी चाहिए।