मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। वे अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं। यह मांग राज्य सरकार और स्कूल शिक्षा मंत्री के फैसले पर आधारित है और पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से जुड़ी हुई है। आज अतिथि शिक्षकों को देखकर शिवराज सिंह ने अपना काफिला रोका और उनसे मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा, “स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान से हमारा मनोबल टूट गया है… अब हमें सिर्फ आपसे ही उम्मीद है। आप हां या ना में जवाब दीजिए।”
यह भी पढ़े- बाबा महाकाल के प्रसाद पर मचा बवाल, कांग्रेस के आरोपों पर वी.डी. शर्मा का करारा जवाब
अतिथि शिक्षकों की अपील और उम्मीदें
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि पिछली सरकार ने उन्हें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। शिवराज सिंह चौहान ने भी अतिथि शिक्षकों को नियमित करने और उन्हें पदोन्नति देने का आश्वासन दिया था। एक साल बीत चुका है, लेकिन सरकार ने अभी तक अतिथि शिक्षकों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया है।
राजधानी में अतिथि शिक्षकों की तिरंगा यात्रा
हाल ही में अतिथि शिक्षक नियमितीकरण की मांग को लेकर तिरंगा यात्रा निकालते हुए राजधानी भोपाल पहुंचे थे। बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षक अंबेडकर पार्क में इकट्ठा हुए और नियमितीकरण की मांग की। इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला अतिथि शिक्षक भी शामिल हुईं।
शिक्षा मंत्री के बयान से विवाद
गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने अतिथि शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन को लेकर एक गैरजिम्मेदाराना बयान दिया था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “नाम है अतिथि…, अगर अतिथि बनकर आए हैं तो क्या घर पर कब्जा कर लेंगे?” उनके इस बयान की तीव्र आलोचना हुई। विपक्ष ने भी इस बयान को लेकर मंत्री को घेर लिया।