गुजरात ने इस साल मूंगफली की खेती में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। साल 2024 के मौजूदा खरीफ सीजन में राज्य में मूंगफली की खेती का क्षेत्रफल 18 लाख हेक्टेयर को पार कर गया है। साल 2021 के बाद पहली बार इतने बड़े क्षेत्र में मूंगफली की खेती हुई है। मूंगफली के बढ़ते क्षेत्रफल को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि कपास की खेती में घटती पैदावार और गुलाबी सुंडी के संक्रमण के कारण किसान इसे छोड़ रहे हैं। वहीं, नकली बीटी कपास के बीज बिकने के कारण किसान अब कपास की खेती छोड़कर मूंगफली की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं ताकि उन्हें कपास की खेती जैसा नुकसान न उठाना पड़े।
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गुजरात राज्य कृषि, किसान कल्याण और सहकारिता विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात में मूंगफली की खेती का क्षेत्रफल बढ़कर 18.62 लाख हेक्टेयर हो गया है। यह क्षेत्रफल पिछले साल की तुलना में मूंगफली की बुवाई के क्षेत्रफल से 16 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल यहां 16.21 लाख हेक्टेयर में मूंगफली की खेती की गई थी। यह बुवाई का क्षेत्रफल पिछले दो सालों की तुलना में ज्यादा है। साल 2022 के खरीफ सीजन में गुजरात में मूंगफली की खेती का क्षेत्रफल 17.63 लाख हेक्टेयर था। हालांकि, इस बार मूंगफली की खेती का क्षेत्रफल और बढ़ सकता है क्योंकि खरीफ सीजन के लिए बुवाई अभी भी जारी है।
किसान मूंगफली की खेती की ओर रुख कर रहे हैं
उम्मीद है कि इस बार मूंग का क्षेत्रफल साल 2020 में 20.65 लाख हेक्टेयर तक पहुंच सकता है। गुजरात के किसानों के संगठन खेड़ुत समाज के पूर्व प्रमुख सागर रबारी ने बताया कि कपास के उत्पादन में कमी, खेतों में गुलाबी सुंडी का बढ़ता प्रकोप, कीटनाशकों के इस्तेमाल से कृषि की लागत में लगातार बढ़ोतरी के कारण किसान धीरे-धीरे मूंगफली की खेती की ओर रुख कर रहे हैं। इसके साथ ही कपास की खेती करने वाले किसानों को फसल की कटाई के लिए फरवरी-मार्च तक इंतजार करना पड़ता है, जबकि मूंगफली की कटाई दिवाली तक हो जाती है। इसके बाद किसान दूसरी फसल ले सकते हैं।
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कपास का रकबा अभी भी सबसे ज्यादा
‘बिज़नेसलाइन’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, जूनागढ़ जिले के गालियावाद गांव के किसान खेम मुहम्मद ने बताया कि उन्होंने इस साल मूंगफली की खेती की है। उन्होंने पिछले साल कपास की खेती की थी, लेकिन उन्हें नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि खेतों में गुलाबी सुंडी लग गई थी। इसलिए इस साल उन्होंने एक हेक्टेयर में मूंगफली की खेती की है। हालांकि राज्य में किसान कपास की खेती छोड़कर मूंगफली की खेती अपना रहे हैं, लेकिन क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य में अभी भी कपास सबसे ज्यादा बोई जाने वाली फसल है। इस साल किसानों ने 23.15 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती की है। जो पिछले साल के 28.82 लाख हेक्टेयर के आंकड़े से 16 प्रतिशत कम है।