हजारों किसान तीन हजार ट्रैक्टर के साथ सड़क पर उतरे धरती पुत्र ने अपनी मांग पूरी करने जमकर नारे लगाए। सोयाबीन का भाव 6000 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की गई। ट्रैक्टरों पर तिरंगे झंडे और अपनी मांगों को लेकर बैनर लगाकर गर्मजोशी नारे लगाए हरदा मंडी में कलेक्टर को ज्ञापन दिया
Harda News/संवाददाता मदन गौर:- सोयाबीन फसल का न्यूनतम दाम 6 हजार करने को लेकर हरदा के 25000 किसानों ने 5000 ट्रैक्टर, हजारों गाड़ियों, बैलगाड़यो, जेसीबी और हार्वेस्टर के साथ 13 सितंबर को पटाखा बाज़ार से कलेक्टर ऑफिस तक किसान आक्रोश रैली निकाली। गौरतलब है की यह किसान रैली इतनी विशाल थी की किसानो का पहला ट्रैक्टर कलेक्टर ऑफिस पर था तब आखरी ट्रैक्टर खंडवा रोड पर कडोला नदी से भी पीछे था और बायपास इंदौर रोड पर भी हजारों ट्रैक्टर थे।
यह भी पढ़िए :- Mousam Update: तेज गरज-चमक के साथ इन जिलों में बरसेगे मेघा,IMD ने जारी किया अलर्ट
किसानों का यह ऐतिहासिक जनसैलाब किसी विशेष संगठन के आह्वान पर नही आया था बल्कि यह जिले के समस्त किसानो का कार्यक्रम था। इस जनसैलाब के आगे राजनीतिक पार्टियों की आज तक हुई बड़ी से बड़ी रैलीया फीकी पड़ गई।
विगत एक महीने से संपूर्ण प्रदेश के किसान सोयाबीन के भावों को 6 हजार करने को लेकर मुहिम चला रहे है। इसी मुहिम के तहत पहले प्रत्येक गाँवो में ग्राम सचिव को मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया था। सरकार की तरफ से सोयाबीन भाव 6 हजार नही किए जाने के कारण आज हरदा के किसानो ने जनसैलाब के रूप में एकत्रित हो कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। अगर अभी भी सरकार नहीं मानती है तो संपूर्ण प्रदेश के किसान मिलकर राजधानी भोपाल का घेराव भी करेंगे।
मालूम हो की प्रदेश में सोयाबीन फसल किसानो की आर्थिक उन्नति का प्रमुख श्रोत है। किंतु दिन प्रतिदिन सोयाबीन का भाव कम होता जा रहा है एवं लागत बढ़ती जा रही है। वर्तमान में सोयाबीन का भाव 3500 – 4000 रुपए प्रति क्विंटल है। कम भाव की वजह से प्रदेश के किसानो की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है एवं वह कर्ज के बोझ तले दबा जा रहा है। साल 2012 से तुलना करे तो डीजल, खाद, कीटनाशक, खरपतवारनाशक आदि जैसी खेती में लगने वाली वस्तुओ के दामों में 200% से अधिक वृद्धि हुई है जबकि पिछले दस साल में सोयाबीन के दामों में 0% की वृद्धि हुई है।
यह भी पढ़िए :- MP News: उप-चुनाव के पहले कांग्रेस को मिला झटका 6 पार्षदों ने ली भाजपा की सदस्यता
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार की ओर से सोयाबीन के लिए 4892 रुपए का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया किंतु आज किसानो की फसल इससे भी नीचे बिक्री हो रही है। जबकि यह घोषित समर्थन मूल्य लागत के अनुसार बहुत कम है एवं 4892 के भाव में भी किसानो के लिए बड़ा घाटा है। किसानों की मांग है की सोयाबीन का भाव कम से कम 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल हो तभी उन्हें लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य मिल पाएगा।
साथ ही किसानो ने ज्ञापन में अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों का सर्वे कर आरबीसी 6-4 के तहत उचित राहत राशि एवं बीमा क्लेम की कार्यवाही की जाने की मांग की।
किसानों ने अपने ज्ञापन में सोयाबीन की खेती में प्रति एकड़ लगने वाली 25000 रुपए लागत भी क्रमवार समझाया।
मनोज गोदारा,राम ईनानिया,शैलेन्द्र वर्मा,सुनील राजपूत,आनंद कालीराणा,बसंत सारन,पवन बेनीवाल,बसंत रायखेरे,रामजीवन बाष्ट,सुभाष जांगू,शौवित राजपुत,विजय मीणा सहित हजारों किसान टैक्टर रेली में शामिल हुऐ।
Also read :-
Harda News: 13 सितंबर को विशाल वाहन किसान आक्रोश रैली का हरदा में आयोजन प्रदर्शन
Harda News:नेशनल हाईवे पर व्याप्त समस्याओं को लेकर हरदा विधायक डॉ. दोगने देंगे धरना