Harda News/संवाददाता मदन गौर:- खिरकिया तहसील के कुड़ावा क्षेत्र के आस-पास के गांवों के सैंकड़ों किसान 2023 की खरीफ की फसल के बीमा लाभ से वंचित रह गये हैं। अपने खिलाफ हुए अन्याय से पीड़ित होकर जब किसानों ने आन्दोलन का रास्ता अपनाया तो पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल वीडियो काॅलिंग पर समझाईश दे रहे हैं, कि मैं शीघ्र ही आपकी समस्याओं का हल कराऊंगा, आप अपना आन्दोलन स्थगित कर दो। विगत् दिनों उक्त जानकारी समाचार पत्रों में प्रकाशित कराई गई।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजीव गांधी पंचायती राज संगठन प्रदेश अध्यक्ष हेमंत टाले ने कहा है कि अपनी नाकामियों पर पर्दा डालकर उसे कामयाबी के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं पूर्व मंत्री कमल पटेल। जब 2023 में संबंधित किसानों की फसलें खराब हुई थी, उस समय श्री पटेल प्रदेश के कृषि मंत्री थे और सभी संबंधित गांवों उनके निवास से 5 कि.मी. भी दूर नहीं है। जब फसल खराब हुई थी उस समय भी किसानों ने इस संबंध में आवाज उठाई थी, उस समय कुछ प्रभावशाली किसानों को बीमा की क्षतिपूर्ति राशि मिल गई, लेकिन शेष किसानों को क्षतिपूर्ति राशि से वंचित रहना पड़ा।
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उस समय श्री पटेल ने किसानों की समस्या की तरफ कोई ध्यान देते तो ये स्थिति निर्मित नहीं होती, क्योंकि वो उस समय उनकी समस्याओं को हल करने में सक्षम थे, लेकिन तब उन्होंने किसानों की कोई सुध नहीं ली, अब जब किसान आन्दोलन कर रास्ता अपना रहे हैं तो श्री पटेल उन्हें झूठा आश्वासन दे रहे हैं। ऐसा क्षेत्र के किसानों के साथ पहली बार नहीं हुआ है, पूर्व में भी श्री पटेल के मंत्री रहते चारूवा क्षेत्र के किसान क्षतिपूर्ति राशि से वंचित रह गये थे तब भी किसानों ने आन्दोलन का रास्ता अपनाया था, उस समय भी आन्दोलन स्थल पर जाकर श्री पटेल ने किसानों आश्वस्त किया था कि आप आन्दोलन का रास्ता छोड़ दो, मैं आपकी समस्याओं को हल कराऊंगा। लेकिन आज दिनांक तक भी संबंधित किसानों की समस्या का कोई निराकरण नहीं हुआ है। इसी तरह 2020-21 में भी क्षेत्र के किसानों को उनके नुकसान के विरूद्ध काफी कम क्षतिपूर्ति राशि मिली थी।