हारदा – नेहरू स्टेडियम में हर वर्ष की भांति इस साल भी रावण दहन का भव्य आयोजन किया गया, लेकिन नगर पालिका की ओर से की गई अव्यवस्थाओं और लापरवाही ने जनता को गहरे आघात और निराशा से भर दिया। लाखों रुपए खर्च कर 51 फीट का विशाल रावण बनाया गया, जिसकी तैयारी में लगभग एक महा से चल रही थी और लगभग 50 कर्मचारियों की मेहनत लगी। इसके बावजूद, जब रावण को अग्नि दी गई, तो वह एक मिनट से भी कम समय में पूरी तरह से जलकर समाप्त हो गया। रावण अंदर से खोखला था और केवल बाहरी सजावट की गई थी, जिससे जनता का रोष और बढ़ गया। बड़ी संख्या में एकत्रित हुई 2 घंटे के इंतजार कर जनता इस भव्य आयोजन से अधिक समय तक जुड़ नहीं पाई और उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा।
सामाजिक परंपराओं की अनदेखी
हर वर्ष रावण दहन के इस आयोजन के दौरान शहर के उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया है या शहर का नाम रोशन किया है। एवं हरदा के सभी समाज के अध्यक्षों का भी सम्मान किया जाता रहा है इस सम्मान समारोह का उद्देश्य उन व्यक्तियों, संस्थाओं और बच्चों को प्रोत्साहन देना होता है जिन्होंने समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाए हैं। परंतु इस वर्ष, नगर पालिका ने इस परंपरा को पूरी तरह से नज़रअंदाज कर दिया, जिससे न केवल शहर के प्रतिष्ठित नागरिक, बल्कि सामाजिक संस्थाएं और उभरते युवा प्रतिभाएं भी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। यह अनदेखी नगर पालिका की ओर से सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाने में घोर असफलता को उजागर करती है।
अव्यवस्था और सुरक्षा की कमी
सिर्फ रावण दहन और सम्मान समारोह में ही नहीं, बल्कि पूरे कार्यक्रम स्थल पर नगर पालिका की ओर से अव्यवस्था और कुप्रबंधन साफ देखा गया। जनप्रतिनिधियों और विशिष्ट अतिथियों के लिए मार्ग और सुरक्षा का समुचित प्रबंध नहीं किया गया। बेरिकेट्स न लगाकर व्यवस्थाएं तोड़ दी गईं और जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने में असुविधा हुई। पुलिस प्रशासन और नगर पालिका के बीच समन्वय की कमी स्पष्ट थी, जिससे पूरे आयोजन की गरिमा पर प्रश्नचिन्ह लग गया।
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जनता में रोष
नगर की जनता ने भी इस आयोजन के प्रति गहरा रोष व्यक्त किया है। उनका मानना है कि जिस प्रकार की अव्यवस्थाएं इस वर्ष देखी गईं, वे इस बात का संकेत हैं कि नगर पालिका अपनी जिम्मेदारियों का समुचित निर्वहन नहीं कर पा रही है। नेता प्रतिपक्ष श्री अमर रोचलानी ने इस पूरे मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “नगर पालिका द्वारा इस तरह के बड़े आयोजन में इस स्तर की अव्यवस्था और सामाजिक सम्मान की परंपराओं की अनदेखी पूरी तरह से अस्वीकार्य है। हर साल, हमारे शहर के होनहार बच्चों और समाजसेवियों को सम्मानित करने का उद्देश्य शहर के विकास में भागीदारी को प्रोत्साहित करना होता है, लेकिन इस बार यह परंपरा तोड़कर नगर पालिका ने शहरवासियों के साथ अन्याय किया है। हम इस लापरवाही की कड़ी निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।