Indore News: इंदौर जिले के सिमरोल पुलिस द्वारा घाट सेक्शन में चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान एक एंबुलेंस तेज आवाज में सायरन बजाते हुए वहां से गुजरने लगी, जिसे पुलिस ने शक के आधार पर रोक लिया। जब पुलिस ने एंबुलेंस की तलाशी ली, तो उसमें से 138 किलो गांजा बरामद किया गया, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 40 लाख रुपये बताई जा रही है। पूछताछ में पता चला कि यह गांजा ओडिशा से राजस्थान ले जाया जा रहा था। एंबुलेंस के आगे एक काले रंग की बोलेरो चल रही थी, जिसे पुलिस पकड़ नहीं सकी। ग्रामीण एसपी हितिका वासल ने बताया कि तस्कर आपातकालीन सेवाओं का गलत फायदा उठाकर एंबुलेंस में गांजे की तस्करी कर रहे थे।
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तस्करों की पहचान और पुलिस की कार्यवाही
पुलिस ने तस्करों की पहचान 19 वर्षीय किरण उर्फटेलको हंतल और 21 वर्षीय डब्ल्यू उर्फ बलराम पात्रा के रूप में की है, जो ओडिशा के कोरापुट जिले के देबागंधना के निवासी हैं। टीआई अमित कुमार को एक मुखबिर से सूचना मिली थी कि सिमरोल के रास्ते से एक एंबुलेंस में भारी मात्रा में गांजा ले जाया जा रहा है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने भैरू घाट पर बैरिकेड्स लगाकर चेकिंग शुरू कर दी थी।
डीसीपी उमाकांत चौधरी ने बताया कि शाम के समय आंध्र प्रदेश नंबर की एक एंबुलेंस चोरल की तरफ से आती दिखी। पुलिस को एंबुलेंस की हरकतें संदिग्ध लगीं। जब एंबुलेंस को रोकने का संकेत दिया गया तो ड्राइवर ने सायरन बजाकर रास्ता देने की मांग की, लेकिन पुलिस ने उसे रोक लिया। पहले तो दोनों तस्कर पुलिस को बेवकूफ बनाने की कोशिश करते रहे। लेकिन जब पुलिस ने तलाशी लेने की बात की, तो वे घबरा गए। तलाशी के दौरान सीट के नीचे छिपा हुआ 138 किलो गांजा बरामद हुआ। पुलिस ने दोनों तस्करों को थाने ले जाकर पूछताछ की।
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तस्करों को एक खेप पहुंचाने के 1 लाख रुपये में मिलते थे
पूछताछ में दोनों तस्करों ने खुलासा किया कि उन्हें एक खेप पहुंचाने के लिए एक लाख रुपये मिलते थे। एंबुलेंस 1200 किमी का सफर तय कर इंदौर पहुंची थी और राजस्थान-पंजाब की ओर जा रही थी। पुलिस चेकिंग देखकर तस्करों ने इमरजेंसी का बहाना बनाते हुए सायरन बजाना शुरू कर दिया ताकि वे पुलिस की नजर से बच सकें। आरोपियों ने बताया कि उन्हें यह भी जानकारी नहीं थी कि माल कहां सप्लाई करना है। इंदौर पहुंचने के बाद ही उन्हें डिलीवरी की लोकेशन बताई जानी थी।