Indore News: इंदौर की लापता छात्रा अलीगढ़ में मिली, शाहरुख ने कई शहरों में रखता छिपाकर पुलिस कराएगी मेडिकल जांच। इंदौर के बाणगंगा थाना पुलिस ने 19 वर्षीय छात्रा को, जो 10 दिन से लापता थी, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से सुरक्षित बरामद कर लिया है। आरोपी और छात्रा की लोकेशन बार-बार बदल रही थी, जिससे उन्हें ट्रेस करना चुनौतीपूर्ण हो गया था। पुलिस ने लगातार पांच दिनों तक कड़ी मेहनत की और आरोपी का पीछा करते हुए सही समय पर कार्रवाई की।
घटना की शुरुआत
यह घटना 2 अक्टूबर को तब शुरू हुई, जब छात्रा के पिता ने बाणगंगा थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पिता ने बताया कि उनकी बेटी अपनी दोस्त के साथ थोड़ी देर के लिए बाहर जाने का कहकर घर से निकली थी, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी वह वापस नहीं आई। इससे परिवार चिंता में पड़ गया और उन्होंने पुलिस से मदद मांगी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की और छात्रा की तलाश शुरू कर दी।
जांच प्रक्रिया
जांच के दौरान पुलिस ने 20 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इन फुटेज में छात्रा अपनी दोस्त के साथ जाते हुए दिखाई दी, लेकिन बाद में वह दोस्त अकेली लौटती नजर आई। जब पुलिस और परिवार ने दोस्त से पूछताछ की, तो उसने बताया कि एक युवक, जिसका नाम शाहरुख है, छात्रा को अपने साथ ले गया है। यह जानकारी मिलते ही पुलिस ने शाहरुख की खोजबीन शुरू कर दी।
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यूपी पुलिस की मदद से गिरफ्तारी
परिवार ने शाहरुख की फोटो, वीडियो और मोबाइल नंबर सोशल मीडिया से निकालकर पुलिस को सौंपे। इन जानकारियों के आधार पर पुलिस ने शाहरुख और छात्रा की मोबाइल लोकेशन ट्रैक करना शुरू किया। पहले उनकी लोकेशन दिल्ली में मिली, लेकिन जब तक पुलिस वहां पहुंची, शाहरुख छात्रा को लेकर अलीगढ़ चला गया। इसके बाद पुलिस ने अलीगढ़ में उनकी लोकेशन ट्रैक की और उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद से दोनों की सही जगह का पता लगाया।
अलीगढ़ में छापेमारी और गिरफ्तारी
शनिवार सुबह बाणगंगा पुलिस ने अलीगढ़ में छापा मारा और आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया। छात्रा को भी सुरक्षित बरामद कर लिया गया। इसके बाद पुलिस ने कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर रविवार शाम को छात्रा और आरोपी को इंदौर वापस ले आई। फिलहाल छात्रा का मेडिकल परीक्षण नहीं किया गया है और आगे की कानूनी प्रक्रिया उसके बयान के बाद की जाएगी।
हिंदू संगठनों की चेतावनी
हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता मंसिंह राजावत ने बताया कि छात्रा के पिता ने उन्हें इस मामले की जानकारी दी थी। इसके बाद हमने पुलिस को 7 अक्टूबर को अल्टीमेटम दिया था कि अगर लड़की नहीं मिली, तो आंदोलन शुरू किया जाएगा।