गुलामी से आज़ादी के लिए देश की महान हस्तियों ने बहुत सी कुर्बानियां दी। घर-परिवार से लेकर रिश्ते-नाते तक छोड़ें। अपना सबकुछ लगाकर देश को जंजीरों से मुक्त कराया। दशकों चले आंदोलन से अंग्रेजों को भी समझ आ रहा था कि अब उनका भारत में टिकना असंभव है। जब अंग्रेज मजबूर हुए तो उन्होंने भारत में सत्ता सौंपने के लिए प्रक्रिया शुरू की। इसके लिए अंतरिम सरकार का गठन हुआ। 2 सितंबर यानि आज ही के दिन 1946 में इस सरकार ने मूर्त रूप लिया था।
लंबे समय तक भारत पर राज करने के बाद सन् 1946 में अंग्रेजों ने भारत को छोड़ने का फैसला कर लिया था। द्वितीय विश्व युद्ध के खत्म होने के बाद अंग्रेजों ने तय कर लिया था कि वह भारत को आजाद कर अपने देश लौट जाएंगे। सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया सुनिश्चित करने के दौरान अंतरिम सरकार का गठन हुआ। 1946 में जब संविधान सभा का निर्वाचन हुआ तो उसके बाद ही 2 सितंबर को एक अंतरिम सरकार का गठन हुआ। जिसके प्रधानमंत्री यानि प्रमुख जवाहर लाल नेहरू बनाए गए। शुरू में मुस्लिम लीग इस अंतरिम सरकार में शामिल नहीं हुई।लेकिन बाद में उसके कुछ सदस्य भी इस सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल कर लिए गए।
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