साइकोसिस एक प्रकार की मानशिक समस्या है, जो के बहुत गंभीर बिमारियों में से एक मानी जाती है। इस परिशानी में व्यक्ति हमेशा खोया रहता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को सही क्या है गलत क्या है नहीं समझ आता है साथ ही असली और नकली का फर्क भी नहीं कर पाते है। क्योंकि यह एक तरह की मानशिक दिक्कत है, तो इससे पीड़ित व्यक्ति को इमेजिनरी या जो चीजें होती ही नहीं है उन पर भरोसा करने लग जाता है। इस लेख में हम आपको इस बीमारी के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।
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साइकोसिस डिसऑर्डर
जो भी व्यक्ति इस बीमारी के चपेट में आ जाता है, उसके सोचने और किसी भी चीज को महसूस करने के तरीके में परिवर्तन आ जाता है। जिसकी वजह से वह काल्पनिक दुनिया में जीने लग जाता है और उसका असल की दुनिया से नाता सही से नहीं बैठ पाता है। पीड़ित नकली चीजों पर विश्वास करने लग जाता है। जो वास्तविक में नहीं है उन चीजों को सुनने और फील करने लग जाता है।

इस समस्या में पीड़ित के परिवार वाले और दोस्त उसे झूठा समझने लग जाते और ऐसे में परिस्थिति और भी अधिक बिगड़ जाती है। व्यक्ति चिड़चिड़ा होने लग जाता है और उसको लगता है की कोई भी उसको नहीं समझता और ना ही उस पर यकीन करता है।
साइकोसिस के क्या होते है लक्षण
1.ज्यादा सोचने लग जाना
2.केंद्र करने में दिक्कत
3.किसी भी तरह की भावनाएं न होना
4.दूसरों के विश्वास से मेल ना खाना
5.काल्पनिक आवाजे सुनाई देना
6.सभी के लिए शक की भावना आना
7.चर्चा के दौरान विषय बदल देना
8.परिवार और दोस्तों से दूरी बनाना
9.आत्महत्या के विचार आना
10.डिप्रेशन में चले जाना
11.नींद नहीं लग पाना
12.ऐसा महसूस करना जैसे सब उसके खिलाफ साजिश कर रहे हैं
13.ऐसा महसूस करना जैसे कोई उसका पीछा कर रहा है
14.ऐसा समझना जैसे कोई नजर रख रहा है