सियासत की दुनिया की ये कहावत बहुत मशहूर है कि इसमें कोई किसी का सगा नहीं होता। वक्त निकलने पर अपना विरोधी हो जाता है तो वक्त आने पर विरोधी खून के रिश्ते से भी बढ़कर करीबी हो जाता है मध्य प्रदेश के इस विधानसभा चुनाव में भी कुछ ऐसी ही दिलचस्प लड़ाई देखने के लिए मिल रही है। सूबे की पांच सीटें ऐसी हैं जहां करीबी रिश्तेदार ही एक-दूसरे के सामने मैदान में डटे हुए हैं। इन सीटों में डबरा, सागर, होशंगाबाद, टिमरनी, मुगंवाली शामिल हैं डबरा और मुंगावली सीटों पर रिश्तेदारों के बीच जुबानी जंग तीखी रही है बात एक दूसरे खिलाफ करप्शन और गुंडागर्दी के आरोप तक पहुंच गई है डबरा से बीजेपी की टिकट पर इमरती देवी मैदान में हैं, तो कांग्रेस ने यहां से सुरेश राजे को उम्मीदवार बनाया है 2020 के उपचुनाव में भी दोनों आमने-सामने थे तब कांग्रेस के सुरेश राजे जीतने में कामयाब रहे थे दोनों रिश्ते में समधी-समधिन हैं।
इमरती देवी पर बेतहाशा संपत्ति के साथ ही सट्टे में संलिप्तता का आरोप
दोनों के भाषणों में ज्यादातर विकास के मुद्दें ही रहते हैं लेकिन राजे, इमरती देवी पर बेतहाशा संपत्ति के साथ सट्टा, रेत खनन व्यापारियों के साथ लूट के आरोप लगाते रहे हैं। वहीं इमरती देवी कईं जगहों पर पिछले दिनों सुरेश राजे के वायरल हुए कथित वीडियो के बारे में कहने से भी नहीं चूकी हैं दोनों ही ऐलान कर चुके हैं कि अब दोनों के बीच कोई रिश्तेदारी नहीं बची है। ऐसी ही कुछ जुबानी जंग मुंगावली सीट पर भी हुई है। यहां चाचा भतीजे में रिश्तों का लिहाज नहीं बचा है बीजेपी ने यहां से बृजेंद्र सिंह यादव को उतारा है तो कांग्रेस ने इसी परिवार के यादवेंद्र सिंह यादव पर भरोसा जताया है दोनों पारिवारिक रूप से काका भतीजे हैं। बृजेंद्र सिंह यादव प्रचार में साफ कह रहे थे कि कांग्रेस को जिताया तो क्षेत्र में गुंडागर्दी का माहौल बन जाएगा।
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यादवेंद्र सिंह यादव ने चाचा बृजेंद्र सिंह यादव पर सीधे भ्रष्टाचार का आरोप लगाया
जमीनों पर कब्जा होने लगेगा तो यादवेंद्र सिंह यादव ने चाचा बृजेंद्र सिंह यादव पर सीधे भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है यादवेंद्र ने कहा कि वोट देने में गलती की तो बहुत महंगी रेत खरीदनी होगी। वहीं टिमरनी में भी जंग चाचा और भतीजे के बीच ही है बीजेपी के विधायक संजय शाह के सामने उनके बड़े भाई अजय शाह के बेटे अभिजीत कांग्रेस से मैदान में हैं 2018 में 2213 वोटों के अंतर से हारे अभिजीत के तेवर इस बार बहुत आक्रामक हैं अभिजीत ने अपनी सभाओं में सीधा आरोप लगाया है कि चाचा 5 साल तक निष्क्रिय रहे हैं जबकि वो लोगों के सुख दुख में शामिल रहे हैं चाचा संजय शाह ने भी भतीजे पर पलटवार किया है उन्होंने कहा कि सभी आरोप झूठे हैं। उधर होशंगाबाद में तो सगे भाई चुनावी रण में आमने सामने खड़े हैं बीजेपी उम्मीदवार डाक्टर सीतासरण शर्मा के सामने कांग्रेस से उनके बड़े भाई गिरिजाशंकर शर्मा हैं।
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बीजेपी के विधायक रहे हैं दोनों ने ही चुनाव प्रचार में एक-दूसरे के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला
यहां से दोनों ही पहले बीजेपी के विधायक रहे हैं दोनों ने ही चुनाव प्रचार में एक-दूसरे के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला है। दोनों बस सरकारों की सफलता और विफलता को गिना रहे हैं दोनों ही इसे विचारधारा की लड़ाई बताकर निजी हमले करने से बच रहे हैं। बुंदेलखंड के सागर में बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन के खिलाफ कांग्रेस ने उनके छोटे भाई की पत्नी निधि जैन को उतारा है टिकट मिलने के बाद से ही दोनों एक दूसरे के खिलाफ खुलकर कुछ नहीं बोल रहे रहे हैं हालांकि दोनों ही एक दूसरे की पार्टियों की सरकारों को जमकर कोस रहे हैं हालांकि इन तमाम रिश्तेदारों के बीच चल रही सियासी अदावत में जनता किसके साथ होगी ये देखना सबसे महत्वपूर्ण है हमारी आप सभी दर्शकों से गुजारिश है कि 17 नवंबर को होने जा रहे मतदान में ज़रूर हिस्सा लें।