मध्यप्रदेश में एक तरफ जहां चारो ओर चुनाव का माहौल छाया हुआ है। तो वहीं चुनाव के साथ इन दिनों प्रदेश में शोले फिल्म के हीरो अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की ‘जय-वीरू’ की जोड़ी खूब सुर्खियां बटोर रही है। इसपर नेताओं के ‘जय-वीरू’ के चोर होने के संकेत देने वाले बयान सामने आ रहे है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग लगातार जारी है की मध्यप्रदेश की चुनावी राजनीति के असली जय-वीरू कौन हैं। दरअसल, सबसे पहले कांग्रेस के महासचिव रणजीत सिंह सुरजेवाला ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को ‘जय-वीरू’ की जोड़ी बताया था।
तोमर ने दावा किया कि कमलनाथ-दिग्विजय जय-वीरू आज बने हैं
जिसपर अब सियासत तेज हो गई है। दिमनी में मीडिया से बातचीत के दौरान नरेंद्र सिंह तोमर ने दावा किया कि कमलनाथ-दिग्विजय जय-वीरू आज बने हैं, हम लोग यानि वो और शिवराज तो कई दिनों से हैं। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मैहर की जन सभा में पब्लिक से कहलवाया कि ‘जय-वीरू’ तो चोर हैं। इन सभी बीजेपी नेताओं के लगातार लग रहे आरोपों के बीच अब कमलनाथ ने इसपर पलटवार किया है। पीसीसी चीफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर एक्स पर लिखा की मध्य प्रदेश की जनता चाहती है कि उसके मुद्दों पर चर्चा हो।
यह भी पढ़े: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर मनोज जरांगे ने क्यों खत्म किया अनशन? आइए जानते है इसकी वजह!
बीजेपी के नेताओं को फिल्मी बातें सूझ रही
लेकिन बीजेपी के नेताओं को फिल्मी बातें सूझ रही है। शिवराज जी की अदाकारी तो पहले से ही मशहूर है, लेकिन अब नरेंद्र तोमर जी भी फिल्मी पात्रों पर शोध कर रहे हैं। पीसीसी चीफ कहते है बेहतर होगा बीजेपी एक आपात बैठक बुलाकर यह तय कर ले कि उनके यहां कौन गब्बर है और सांभा कौन है एक ही बार में सबको फिल्मी नाम मिल जाएं , ताकि बाकी समय जनता के मुद्दों पर भी बीजेपी सोच सके। अब देखना यह होगा की ये जय-वीरू के किरदार को लेकर दोनों ही पार्टियों के बीच और क्या घमासान देखने को मिलता है।