Mental Health: केवल शारीरिक ही नहीं मेंटल हेल्थ भी है जरूरी, अगर हल्के में लिया तो हो सकती हैं ये बीमारियां, बचपन से लेकर बुढ़ापे तक, जीवन के हर मोड़ पर मेन्टल हेल्थ का बेहतर होना बहुत जरूरी होता है। लेकिन कई ऐसे कारण है जिनकी वजह से मानसिक स्वास्थ्य यानी मेंटल हेल्थ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अमूमन लोगों को ये बोलते जरूर सुना होगा की “मेरा दिमाग खराब हो गया है”, सुना है न? लोग ऐसी बातों को बहुत आसानी से कह देते हैं। परन्तु यह सिर्फ एक बात नहीं है, आप जाने अनजाने में मेंटल हेल्थ की बात करते हैं, कोविड के समय के बाद से मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को लेकर गंभीरता काफी हद तक बढ़ गई है। मांजरा ये है की अभी भी लोगों में इन चीजों को लेकर जागरूकता बहुत कम है। इस परिस्थिति में हम आपको दिमाग को हेल्दी रखने और बीमारियों को आपसे दूर रखने के उपाय बता रहें हैं।
मेंटल हेल्थ क्या है?
मेंटल हेल्थ में इंसान का भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण शामिल होता है। यह बताता है कि आप कैसे सोचते हैं, महसूस करते हैं और कैसे कार्य करते हैं। इसके अलावा यह भी तय करने में सहायता करता है कि आप तनाव को कैसे संभालते हैं, दूसरों की समस्या से कैसे रिलेट करते हैं, और कैसे चुनाव करते हैं। आपको बता दें, बचपन और किशोरावस्था से वयस्कता तक जीवन के हर मोड़ पर मेंटल हेल्थ आवश्यक होती है।

जरूरी क्यों है मेंटल हेल्थ ?
अक्सर लोगों को लगता है कि जिम में जाकर बॉडी बनाने से वो फिट हो जाएंगे, पर ऐसा नहीं है। फिजिकल फिटनेस की तुलना में मेंटल फिटनेस बेहद जरूरी होती है। लोग इस विषय के बारे में खुलकर बात करने से भी घबराते हैं और तो और बहुत से लोगों को इसके बारे में बात करने में भी शर्म आती है। किसी व्यक्ति को अगर मेंटल हेल्थ की समस्या हो जाए तो वो इसे छुपाकर रखना चाहते हैं, जबकि लोगों को इस टॉपिक के बारे में खुलकर बात करनी चाहिए।
मेंटल हेल्थ ख़राब क्यों होती है ?
मेंटल हेल्थ ख़राब होने के पीछे कई अहम वजह हो सकती है, जैसे की उतार चढ़ाव से भरा बचपन, उदाहरण के तौर पर , यौन हमला, बाल शोषण, हिंसा देखना, आदि, साथ ही क्रोनिक डिजीज जैसे कैंसर या मधुमेह, और मस्तिष्क में जैविक कारक या रासायनिक असंतुलन, नशीली दवाओं या शराब का ज्यादा सेवन, अकेलेपन या अलगाव की भावना पैदा होना।

मेंटल हेल्थ से होने वाली बीमारियां
मेंटल हेल्थ की वज़ह से आप कई बीमारियों का शिकार हो सकते हैं, आपको एंग्जायटी डिसऑर्डर, फोबिया, डिप्रेशन, इटिंग डिसऑर्डर, पर्सनालिटी डिसऑर्डर, मूड डिसऑर्डर, ओटिज्म, डिमेंशिया जैसी बीमारियां होसकती है।