किसानो की होगी मौज ! चिलचिलाती गर्मी में भी ताबड़तोड़ उत्पादन देगी यह सलाद की फसल, कम खर्चे में तिगुना मुनाफा

गाजर की खेती पूरे भारत में की जाती है और इसे कच्चा और पकाकर दोनों तरह खाया जाता है।

गाजर में कैरोटीन और विटामिन ए की भरपूर मात्रा होती है, जो आंखों के लिए फायदेमंद होता है।

गाजर की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है।

गाजर के बीजों को पहले पानी में भिगोने से अंकुरण में तेजी आती है।

गाजर की बुवाई दो तरीकों से की जा सकती है - एक विधि में मेड़ों पर बीज बोए जाते हैं और दूसरी विधि में बीजों को पूरे खेत में छिटाया जाता है।

गाजर की बुवाई का आदर्श समय अगस्त से सितंबर या अक्टूबर से नवंबर तक होता है।

गाजर की कटाई 90 से 120 दिनों बाद की जा सकती है, जब जड़ें पूरी तरह से विकसित हो जाती हैं।

गाजर की खेती का मुनाफा तिगुना हो सकता है।