Jeere Ki Kheti : इसके अंदर रामबाण औषधियों के गुण जो किसानों के लिए नहीं है वरदान से कम जानिए खेती की सम्पूर्ण जानकारी हर जगह सब्जियों में मसालो का अपना एक अहम योगदान है.मसाले जहां खाने का स्वाद को बेहतर बनाते हैं, By Sagar Charpe 14 Mar 2024 in खेती किसानी New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर हर जगह सब्जियों में मसालो का अपना एक अहम योगदान है.मसाले जहां खाने का स्वाद को बेहतर बनाते हैं, वहीं दूसरी तरफ इन में औषधीय गुण भी पाए जाते हैं. इन्हीं औषधीय गुण वालों में से जीरा भी एक अहम मसाला है.आइये जानते है इसकी खेती के बारे में की क्या क्या जरूरत होती है इस खेती के लिए। जीरा की खेती से उन्हें खासा मुनाफा हो रहा है. इसकी फसल के आगे सभी फसलें फेल साबित हो रहे हैं. Advertisment पौधा करीब 50 सेंटीमीटर की ऊंचाई तक पहुंच जाता है जीरे का वनस्पतिक नाम क्यूमिनम सायमिनम है. यह पुष्पीय प्रजाति का एपिऐसी पौधा है. पहले इसकी खेती पठारी प्रदेश और भूमध्य सागर के आसपास की जाती थी.भारत में भी इसकी तेजी से खेती होने लगी है फूल खिलने पर हरे भरे खेत में एक अनोखी ही छटा बिखरी होती है। ये भी पढ़े :- CM Mohan Yadav: सीएम मोहन यादव का सागर वालों के लिए एक और बड़ा तोहफा अच्छी गुणवत्ता Advertisment 1 हेक्टेयर में करीब 8 क्विंटल जीरा बीज प्राप्त हो जाता है. बाजार में जीरे का भाव करीब 35 हजार से लेकर 40 हजार तक मिल रहा है, जीरे की खेती मुनाफे का सौदा है समय-समय पर किसानों को मसाले की खेती के लिए जागरूक किया जाता रहता है.जीरे की उन्नत किस्में जेड 19, आरजेड 209 आदि है.जीरे की खेती 120 दिन की होती है. जीरे की बुवाई का समय नवंबर में उचित माना जाता है. 15 दिनों में सिंचाई 15 दिनों के अंतराल में दूसरी सिंचाई की जाती है. वहीं करीब 25 दिन के बाद तीसरी सिंचाई करनी चाहिए. सिंचाई करते समय पानी को धीमी रफ्तार में खेतों में छोड़ा जाता है,खरपतवार नियंत्रण के लिए अक्साडायर्जिल नामक रसायन का उचित मात्रा में घोल बनाकर बुवाई के बाद छिड़काव करने से खरपतवार कम आते हैं. साथ ही जीरे की खेती में उखटा रोग, चेपा रोग और झुलसा रोग लगने की संभावना ज्यादा रहती है. इसके लिए दीमक इत्यादि के नियंत्रण के लिए किसान भाइयों को अपने नजदीकी उद्यान विभाग या कृषि विभाग में जाकर उचित दवाओं की जानकारी लेना अति आवश्यक है. Advertisment यह भी पढ़िए :- सागर का नया मेडिकल कॉलेज "आचार्य विद्यासागर जी महाराज" के नाम पर होगा : CM मोहन यादव औषधीय गुणों की खान है जीरा जीरा एंटीऑक्सीडेंट है. इसके अंदर रामबाण औषधियों के गुण पाए जाते हैं. यह सूजन को कम कर मांसपेशियों को आराम देने के लिए कारगर है. इसमें मिनरल्स, मैग्नीशियम जिंक, मैग्नीज पोटेशियम, कैल्शियम, कापर और आयरन बड़ी मात्रा में पाया जाता है. इसमें विटामिन सी, ई, ए भी पाया जाता है. जीरा आयुर्वेद की बेहतरीन औषधियों में शामिल छोटा मगर बड़ा आयुर्वेदिक रत्न है. #jeere ki kheti rajasthan #jeera farming #jeera ki kheti #jeera ki kheti kaise ki jati hai #jire ki kheti ki jankari # #jaivik kheti हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें Advertisment यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article