Friday, September 29, 2023
Homeखेती किसानीकिसानो के बढ़ते कर्ज पर अंकुश लगाएगी कपास की खेती, कम समय...

किसानो के बढ़ते कर्ज पर अंकुश लगाएगी कपास की खेती, कम समय में बम्पर पैदावार और लाखो में होगी कमाई

किसानो के बढ़ते कर्ज पर अंकुश लगाएगी कपास की खेती, कम समय में बम्पर पैदावार और लाखो में होगी कमाई कपास की खेती की बात करे तो सबसे पहले नंबर पे महाराष्ट्र का नाम सामने आता है क्योकि देशभर में कपास की सबसे ज्यादा खेती महाराष्ट्र में ही होती है. कपास महाराष्ट्र की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसल है.महारष्ट्र के खानदेश, सोलापुर, सांगली, सतारा,जलगाँव जिलो में बड़े पैमाने पर कपास की खेती की जाती है.

यह भी पढ़िए – लापरवाही एवं अनुशासनहीनता के चलते कलेक्टर ने ढीकोला महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता श्रीमती सरोज बैरागी को किया तत्काल प्रभाव से निलंबित।

आइये जानते है कपास की खेती के बारे में कैसे कपास की खेती करके ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते है-

कपास की खेती ज्यादा गर्मी वाले क्षेत्रो में की जाती है। कपास की खेती के बारे में बात करे तो। भारत की लगभग 9.4 मिलियन हेक्टेयर की भूमि पर कपास की खेती की जाती हैं. इसके प्रत्येक हेक्टेयर क्षेत्र में 2 मिलियन टन कपास के डंठल रहते हैं.जो की खेत में जला दिए जाते है और उनसे बनी राख को खेत में फेक देते है जो की अच्छे उर्वरक का काम करती है।देशभर में कपास की सबसे ज्यादा खेती महाराष्ट्र में ही होती है और पूरे सीजन के दौरान राज्य में 33 लाख हेक्टेयर से ज्यादा में कपास की फसल लगती है.कपास की खेती नगदी फसल के रूप में होती है. इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है. इसकी खेती भारत के कई राज्यों में की जाती है. बाजार में कपास की कई प्रजातियाँ आती हैं, जिनसे ज्यादा पैदावार मिलती है. सबसे ज्यादा लम्बे रेशों वाली कपास को अच्छा माना जाता है. इसकी ज्यादा पैदावार तटीय इलाकों में होती है. कपास की खेती में ज्यादा मेहनत लगती है. इसका उपयोग कपड़ा बनाने में ज्यादा किया जाता है. इसके बीज से तेल भी निकाला जाता है, बचा भाग पशुओं को खिलाया जाता है.

आइये जानते है कपास की खेती के लिए किस तरह का मौसम अनुकूल होता है ?

कपास की फसल लंबी अवधि की फसल है. कपास के लिए स्वच्छ, गर्म और शुष्क जलवायु अनुकूल होती है. कपास के बीजों के अंकुरण के लिए आवश्यक तापमान 18 से 20 डिग्री सेल्सियस और आगे बढ़ने के लिए 20 से 27 डिग्री सेल्सियस होता है. कपास के लिए न्यूनतम और अधिकतम तापमान 15 से 35 डिग्री सेल्सियस और आर्द्रता 75 प्रतिशत से कम होनी चाहिये . इस प्रकार का मौसम गर्म दिनों और ठंडी रातों में बांडों को अच्छी तरह से भरने और उबालने के लिए उपयुक्त होता है.

आइये जानते है कपास की खेती किस तरह की मिट्टी आवश्यक है।

सही मिट्टी का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि कपास की फसल लगभग छह महीने तक खेत में रहती है. कपास की खेती के लिए काली, मध्यम से गहरी (90 सेमी) और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का चयन करें. कपास को उथली, हल्की खारी और दोमट मिट्टी में लगाने से बचें. पोषक तत्वों की उपलब्धता और मिट्टी की सतह के बीच संबंध के कारण मिट्टी की सतह लगभग 6 से 8.5 होनी चाहिए.

यह भी पढ़िए – मूसलाधार बारिश में गोटमार मेले का खेल,पांढुर्णा सावरगांव पक्ष के लोग एक दूसरे पर जमके बरसा रहे पत्थर ।

जानिए कैसे की जाती है कपास की बुवाई।

सिंचित गैर-बीटी कपास की समय पर बुवाई आवश्यक है. देर से बिजाई करने से बिक्री के समय बारिश या कीटों और बीमारियों के प्रकोप के कारण नुकसान हो सकता है. बिजाई के तुरंत बाद 4 से 6 इंच की छिद्रित पॉलीथीन की थैलियों में मिट्टी और कम्पोस्ट या खाद भरकर भरपूर पानी दें. फिर प्रत्येक बैग पर 2 से 3 बीज रोपें. इन थैलियों का उपयोग अंतराल को भरने के लिए किया जाना चाहिए. तब तक, बैगों को कीड़ों से बचाने के लिए पेड़ की छाया में रखें और उन्हें बार-बार पानी दें. आम तौर पर एक एकड़ हल भरने के लिए 250 से 300 बोरे पर्याप्त होते हैं.

आइये जानते है कपास में कौन सा खाद डालें ?

कपास लम्बी अवधि की फसल होने कारन इसके पौधे को मजबूत बनाने के लिए कपास की फसल में खाद एवं उर्वरको का प्रयोग जरूरी है नहीं तो उत्पादन मे कमी आ सकती है. खाद एवं उर्वरको का प्रयोग मृदा परीक्षण के आधार पर करना चाहिए यदि मृदा में कार्बनिक तत्वों की कमी हो तो उनकी पूर्ति करे. खेत तैयारी के समय आखिरी जुताई में कुछ मात्रा गोबर की खाद सड़ी खाद में मिलाकर प्रयोग करना है.जिससे अधिक से अधिक उत्पादन हो सके

हमारे Whats App न्यूज ग्रुप से जुड़ें, आप हमें Facebook, Twitter, और Instagram पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular