Friday, September 29, 2023
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क्या सिंधिया के गढ़ में कॉग्रेस का ”हाथ ” बना पायेगा पकड़, ग्वालियर चंबल का चुनावी समीकरण

मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर कुछ ही समय में चुनाव होने वाले है. 2018 में हराकर फिर सत्ता में वापसी करने वाली शिवराज सरकार कांग्रेस की ईंट से ईंट बजाने के लिए प्रदेश के हर क्षेत्र और वर्ग पर जोर दे रही है. वही कांग्रेस ने अब एक बार फिर तानसेन की नगरी कहे जाने वाली ग्वालियर विधानसभा सीट पर जीत का परचम लहराने के लिए कमर कस ली है ,, आज हम उसी तानसेन नगरी के बारे में चुनावी दृष्टिकोण से बात करने वाले है ,नमस्कार स्वागत है प्रदेश तक में ,,में हु आपके साथ

ग्वालियर चम्बल ,, मध्यप्रदेश का सियासी केंद्र बना रहता है उसके अहम कारणों में है एक है सिंधिया समर्थकों और बीजेपी मूल कैडरों में मनमुटाव लेकिन ऐसे में ये देखना होगा की 2023 के चुनाव में जीत का दावा करने वाले कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार चुनाव में कितना दम भर पाएगी। ग्वालियर विधानसभा में इस वक्त बीजेपी के प्रद्युम्न सिंह तोमर विधायक है जिन्हे ऊर्जा विभाग का भी जिम्मा सौपा गया है आपको बता दे प्रद्युम्न सिंह तोमर सिंधिया के काफी करीबी माने जाते है।


ग्वालियर दक्षिण विधानसभा का गणित समझते

ग्वालियर दक्षिण विधानसभा 1951 में अस्तित्व में आयी,, Gwalior विधानसभा सीट मध्य प्रदेश के जिले में आती है। 2020 में Gwalior में कुल 58.35 [ आठवण ] प्रतिशत वोट पड़े। 2020 में भारतीय जनता पार्टी से प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के सुनील शर्मा को 34 वोटों के मार्जिन से हराया था।
Gwalior विधानसभा सीट,, ग्वालियर के अंतर्गत आती है। इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं विवेक शेजवलकर, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं। साल 2018 में प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ा और जय भान सिंह पबैया को 21044 वोटों से हराया लेकिन जब साल 2020 में सियासी परिवर्तन हुआ तब तोमर भी सिंधिया के साथ बीजेपी में आ गए थे और उपचुनाव में कॉग्रेस के सुनील शर्मा को तोमर ने 33,123 वोटों से करारी शिकस्त दी और अगर ग्वालियर दक्षिण के वोटर्स की बात करे तो वोटर्स की सांख्य दो लाख नव्वे हज़ार छे सौ सैंतीस

जातीय आधारित जनसँख्या
वहीँ जातीय आधारित जनसँख्या पर नजर डाले तो इस क्षेत्र में ब्राह्मण की 32 हज़ार , क्षत्रिय की 24 हज़ार ,SC ST की 30 हज़ार और इसके अलावा मुस्लिमों की 16 हज़ार की आवादी है। कुशवाह की 12 हज़ार , वैश्य की 14 हज़ार , किरार की 9 हज़ार ,सिंधी की 7 हज़ार ,बघेल को 7 हज़ार , सोनी की 6 हज़ार , गुर्जर की 4 हज़ार , कुर्मी की 4 हज़ार , यादव की 4 हज़ार ,लोधी की 4 हज़ार ,खटीक की 4 हज़ार, जैन की 8 हज़ार महताष्ट्रियन की 3 हज़ार आवादी है

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क्षेत्र में ब्राह्मण, मुस्लिम, क्षत्रिय का बाहुल्य
ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण, मुस्लिम, क्षत्रिय का बाहुल्य है और रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्राह्मणो की आवादी ज्यादा है इसी के चलते इस विधानसभा सीट पर ब्राह्मण नेता धर्मवीर दो बार जीत चुके है वहीँ क्षेत्रीय वोटरों के संख्या के चलते केंद्रीय कृषि मंत्री और मुरैना से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर इसी सीट से तीन बार चुनाव लड़े और दो बार जीते वहीँ जयभान पवैया भी यहां से एक बार चुनाव जीत चुके है हालाँकि वह जयभान यहां से तीन बार चुनाव लड़ चुके है और अभी वर्तमान में इस सीट पर प्रद्युम्न सिंह तोमर विधायक है।
अब बस ऐसे में ये देखना होगा की बीजेपी की जब दूसरी लिस्ट जारी होती है तो वर्तमान सिंधिया सर्मथन कहे जाने वाले प्रद्युम्न सिंह तोमर को बीजेपी मैदान में उतारेगी या फिर पार्टी अपना नो रिपीट फार्मूला आजमाएगी

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