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Friendship Skill : बच्‍चों के लिए खतरनाक है अकेलापन, उन्‍हें सिखाएं दोस्ती के तारीख़े अकेलेपन से हमेशा रहेंगे दूर

माता-पिता बच्‍चों को जीवन से जुड़ी लगभग हर जरूरी चीजें सिखाते हैं, लेकिन दोस्‍ती करना नहीं सिखाते

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By Sagar Charpe
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माता-पिता बच्‍चों को जीवन से जुड़ी लगभग हर जरूरी चीजें सिखाते हैं, लेकिन दोस्‍ती करना नहीं सिखाते. ऐसे में कई बच्‍चे दोस्‍त बनाने में पिछड़ जाते हैं और अकेलेपन से जूझते रहते हैं.मेंटल हेल्‍थ के लिए सोशल स्किल बढ़ाना आज की जरूरत बन गई है. इसकी ट्रेनिंग बचपन से ही देना बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास करती है और अपने उम्र के बच्‍चों के साथ दोस्‍ती का हाथ बढ़ाते हैं.

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दरअसल कई बार माता पिता बच्‍चों के प्रति कुछ ज्‍यादा ही प्रोटेक्टिव रहते हैं और उन्‍हें अकेला नहीं छोड़ते और उनकी उम्र के बच्‍चों के साथ घुलने मिलने नहीं देते. स्‍कूल के अलावा वे घर पर ही सारे ट्यूशन लगा देते हैं. ऐसे में बच्‍चे सोशल नहीं हो पाते और दूूसरों से शर्माने लगते हैं. ऐसे बच्‍चों को जीवनभर दोस्‍ती करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे हालात से बचने के लिए माता पिता के लिए जरूरी है कि वे बच्‍चों को दोस्‍ती करना सिखाये। 

बच्‍चों को जरूर सिखाएं ये फ्रेंडशिप स्किल

छोटे बच्‍चों को आप दोस्‍ती का महत्‍व बताएं और यह सिखाएं कि दोस्‍त होने का मतलब है केयर करना, शेयर करना अगर दोस्‍त अपसेट है या परेशान है तो उसे बेहतर महसूस कराने की कोशिश करना.

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दोस्‍तों के साथ अच्‍छा बरताव

बच्‍चों के लिए उनके माता पिता सबसे अच्‍छे रोल मॉडल होते हैं, इसलिए आप बच्‍चों को बताएं कि किस तरह आपके दोस्‍त ने आपकी परेशानी को दूर कर दिया, आपकी चीजों का ख्‍याल रखा और आप अपने दोस्‍तों की कितनी परवाह करते हैं.

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मिलना-जुलना जरूरी

बच्‍चों को अपने दोस्‍तों के साथ कुछ साथ में वक्‍त गुजारने का मौका दें. अगर बच्‍चे अपने किसी दोस्‍त से पार्क या ग्राउंड में मिलना चाहता है तो उसे मोटिवेट करें

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शेयरिंग और केयरिंग

बच्‍चों को शेयर करना घर से ही सिखाना जरूरी है. इस तरह बच्‍चे को अपने खिलौने, किताबें आदि शेयर करने का महत्‍व बताएं और खुद के इमोशन पर कंट्रोल करना बताएं.

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