मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती को लेकर पिछले कुछ समय से चल रहा विवाद अब अंतिम चरण में है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हाईकोर्ट जल्द ही इस मामले में फैसला सुना सकता है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सर्वोच्च न्यायालय ने 11 अगस्त 2023 को फैसला सुनाते हुए कहा कि BEd डिग्री धारकों की प्राथमिक शिक्षक पदों पर नियुक्तियां अवैध मानी जाएंगी. यह आदेश पूरे देश में लागू होता है, इसमें मध्य प्रदेश भी शामिल है. हालांकि, अप्रैल से 11 अगस्त 2023 के बीच मध्य प्रदेश में हुई नियुक्तियों को लेकर अभी फैसला होना बाकी है.
हाईकोर्ट में याचिका
D.El.Ed. डिग्रीधारकों ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्राथमिक शिक्षक भर्ती नियमों को चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि ये नियम संविधान के अनुच्छेद 21-ए और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (RTE) के प्रावधानों के अनुरूप नहीं हैं.
विवादास्पद भर्ती
इन याचिकाओं के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार ने सितंबर 2023 से दिसंबर 2023 तक प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती जारी रखी.
हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार की कार्रवाई पर सख्त रुख अपनाया और जुर्माना लगाते हुए जवाब मांगा. हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बाध्य है.
हाईकोर्ट लेगा फैसला
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाईकोर्ट अब 15 अप्रैल 2024 को याचिका संख्या 13768/22 पर सुनवाई करेगा और अप्रैल से 11 अगस्त 2023 के बीच हुई नियुक्तियों पर अपना फैसला सुनाएगा.
सरकार को राहत नहीं
मध्य प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट से मई में सुनवाई की मांग की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने साफ किया कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बंधा है और इस मामले में अब कोई देरी नहीं होगी.
यह फैसला उन हजारों D.El.Ed. डिग्रीधारकों के लिए महत्वपूर्ण है जिन्होंने प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए आवेदन किया था.