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पूर्व SDM निशा बांगरे का नेतागिरी से हुआ मोह भंग, शासन को पत्र लिखकर फिर से मांगी नौकरी

निशा ने मध्य प्रदेश सरकार से उन्हें वापस नौकरी पर लेने की गुहार लगाई है। निशा ने इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखा है। विभाग ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि निशा बांगरे एक-दो दिन में कांग्रेस छोड़ने वाली हैं।

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By Digital Desk
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नेतागिरी से हुआ मोह भंग

पूर्व SDM निशा बांगरे NISHA BANGRE का नेतागिरी से हुआ मोह भंग

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मध्य प्रदेश की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब उप-कलेक्टर की नौकरी छोड़कर राजनीति में आईं निशा बांगरे अब सियासत से मोहभंग हो गई हैं। निशा बांगरे दोबारा नौकरी पाने की कोशिश कर रही हैं। निशा ने मध्य प्रदेश सरकार से उन्हें वापस नौकरी पर लेने की गुहार लगाई है। निशा ने इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखा है। विभाग ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि निशा बांगरे एक-दो दिन में कांग्रेस छोड़ने वाली हैं।

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परिवार के दबाव के कारण नौकरी के लिए आवेदन किया

पूर्व उप-कलेक्टर निशा बांगरे ने प्रदेश तक को बताया कि उन्होंने पारिवारिक दबाव के कारण जनवरी में नौकरी के लिए आवेदन किया था। बाद में वह कोर्ट भी गईं। विधानसभा चुनाव के दौरान मुझे टिकट की पूरी उम्मीद थी। इसलिए इस्तीफा दे दिया। अब जबकि स्थिति पहले जैसी नहीं है, तो मैं फिर से नौकरी करना चाहूंगी। मैं भविष्य में भी उसी तरह से सामाजिक सेवा से जुड़े कार्य करती रहूंगी। मैंने हमेशा नियमों का पालन किया है। भविष्य में भी यही करूंगी।

भाजपा ने कांग्रेस को बनाया निशाना

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निशा बांगरे के मामले में भाजपा ने कांग्रेस को निशाना बनाया है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी अशीष अग्रवाल ने ट्विटर पर लिखा है कि लालच एक बुरी चीज है और इसी लालच में निशा बांगरे डूब गई हैं। चुनाव से ठीक 2 महीने पहले कमलनाथ के प्रभाव में आकर उन्होंने एसडीएम की नौकरी से इस्तीफा दे दिया। जब तक इस्तीफा स्वीकार करने की कागजी कार्रवाई पूरी हुई तब तक नामांकन की तारीख निकल चुकी थी। कमलनाथ ने फिर से झांसा दिया कि अगर सरकार बनती है तो उन्हें दो बड़ी जिम्मेदारियां मिलेंगी। अब वह न तो विधायक बन पाईं और न ही एसडीएम रहीं। कांग्रेस ने निशा के सपनों को चूर कर दिया। 

टिकट की उम्मीद में छोड़ी थी नौकरी

निशा बांगरे छतरपुर के लवकुश नगर में एसडीएम के पद पर थीं। विधानसभा चुनाव 2023 में निशा को उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें बैतूल की आमला विधानसभा सीट से टिकट देगी। आमला में सरकारी नौकरी करते हुए निशा ने अपने काम से खूब सुर्खियां बटोरी थीं। इसका फायदा उठाने के लिए निशा ने विधानसभा चुनाव से पहले ही अपना इस्तीफा भेज दिया था लेकिन सरकार ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। इसके बाद निशा सीधे सरकार से भिड़ने के लिए खड़ी हो गईं। निशा ने हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। निशा ने आमला(बैतूल) से भोपाल तक सरकार के खिलाफ पदयात्रा भी निकाली और आखिरकार कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने 23 अक्टूबर को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया।

बालाघाट में जन्मीं, विदिशा से की इंजीनियरिंग की पढ़ाई

निशा बांगरे का जन्म बालाघाट में हुआ था। 2010 से 2014 के बीच, निशा ने विदिशा के इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई की। बाद में, उन्होंने एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करके अपना करियर शुरू किया। हालांकि, बाद में उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं में शामिल होने का फैसला किया

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