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Harda News: अतिक्रमण के चपेट में बालागांव देखा देखी की लगी होड़ पंचायत अनजान बेखबर, हो रहा यहां शासकीय जमीन पर अतिक्रमण

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Harda News/संवाददाता मदन गौर हरदा: शासकीय जमीन पर हो रहे अतिक्रमण के चलते गांवों का विकास बाधित हो गया है। अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे बेरोकटोक खाली मैदान से लेकर नहर खेतों में जाने वाले गोऐ छोटे घास  गौचर जमीन पर भी कब्जा कर रखा हैं। दिन-ब-दिन बढ़ रहे अतिक्रमण के चलते बड़े वाहनों का निकलना दूभर होता जा रहा है। लोगों को गांवों की गलियों एवं खेतों में जाने वाले रास्ते से भी वंचित होना पड़ रहा है।

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गांव की तरक्की को लेकर सरपंच तक अनजान

गांव की तस्वीर व तकदीर बदलने पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा विकास कार्यों को गति प्रदान करने के लिए बोट लेकर चुनाव तो जीत जाते हैं । लेकिन पद मिलने के बाद पंच से लेकर सरपंच तक सब अनजान बनकर बेखबर हो जाते हैं। शासकीय जमीन पर अतिक्रमण होने से विभिन्न विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधियों की आंखों में पट्टी बंधी हुई है अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने से उनके हौसले बुलंद हो गए हैं।

गांव गांव में अतिक्रमण की समस्या 

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गांवों के अन्य लोग भी इन अतिक्रमणकारियों के गलत कार्यों का अनुकरण करने लगे हैं। अतिक्रमण हर गांव के लिए विकराल समस्या बन गई है। पंचायत के उदासीन रवैए के चलते  गांव में लगभग 50-60 प्रतिशत लोग अतिक्रमण कर शासकीय जमीन को हड़प चुके हैं। ऐसे लोगों को गांव के विकास से कोई सरोकार नहीं है। अतिक्रमण को रोकने गांव स्तर पर किए जा रहे प्रयास भी महज इसलिए सफल नहीं हो पा रहे हैं क्योंंकि अतिक्रमणकारियों की तादात गांव में ज्यादा हैं।  

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अतिक्रमण के चलते पशुओं की हुई दुर्दशा 

जनप्रतिनिधि खुद इस कार्य में संलिप्त रहते हैं, जिस कारण अतिक्रमण के मामले में चुप्पी साध लेते हैं। गांव में अतिक्रमणकारियों की फौज है। एक की देखादेखी दूसरे, तीसरे के कारण गांव में न तो चारागाह बच पाया है न ही जानवरों की सोंधनी बचा है। इसके चलते मुश्किले बढ़ती जा रही है। ग्राम के मुख्य मार्गों पर भी जगह अतिक्रमण के चपेट में है। जिसको हटवाने के लिए पंचायत के जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे है।

अतिक्रमणकारियों के कब्जे में शासकीय जमीन 

जबकि अतिक्रमण के चलते गांव में तनाव व विवाद की स्थिति निर्मित होती हैं। अतिक्रमण कर  इतना ही नहीं, शासकीय भूमि को दूसरे व्यक्ति के पास बेचा जा रहा है। ऐसे में ग्रामीणों ने अपने मवेशियों को सड़क किनारे और घर की प्रांगण में बांध कर रखते हैं। उक्त भूमि अतिक्रमणकारियों के कब्जे में हैं, जिम्मेदारों को पहल करने की जरुरत है। वहीं ग्रामीणों को शासन-प्रशासन का सहयोग करना होगा। पंचायत राज अधिनियम में प्रावधान है कि पंचायत में प्रस्ताव कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा सकती है। जिससे अतिक्रमण मुक्त हो गांव

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