महाकाल नगरी उज्जैन में सिंहस्थ-2028 के लिए 5,882 करोड़ रुपये स्वीकृत, सीएम यादव बोले- पूरे विश्व में होगी गूंज

By Sachin

महाकाल नगरी उज्जैन में सिंहस्थ-2028 के लिए 5,882 करोड़ रुपये स्वीकृत, सीएम यादव बोले- पूरे विश्व में होगी गूंज

Ujjain News: महाकाल नगरी उज्जैन में सिंहस्थ-2028 के लिए 5,882 करोड़ रुपये स्वीकृत, सीएम यादव बोले- पूरे विश्व में होगी गूंज मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लगातार अधिकारियों के साथ सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर बैठकें कर रहे हैं। सरकार ने सिंहस्थ-2028 के लिए 19 कार्यों के लिए 5,882 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है।

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मुख्यमंत्री मोहन यादव का बयान

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “सिंहस्थ की सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। यह वैश्विक आयोजन भारत को विश्व में एक नई पहचान दिलाएगा। सिंहस्थ में सनातन धर्म की सभी तपस्वी परंपराओं के वैष्णव और शैव संत एकत्र होकर भविष्य में धर्म के दिशा-निर्देश तय करते हैं। यह आयोजन मानवता की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण है, और इसके लिए तैयारियां पहले से ही शुरू हो चुकी हैं।”

सीएम यादव ने कहा कि भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल ज्योतिर्लिंग उज्जैन के महाकाल लोक में स्थित है, जबकि दूसरा ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर है, जो बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। उज्जैन में हर 12 साल बाद होने वाला सिंहस्थ सिर्फ राज्य ही नहीं, बल्कि देश और दुनिया के लिए भी एक महत्वपूर्ण आयोजन है। सिंहस्थ का प्रभाव पूरी दुनिया में देखा जाता है।

15 करोड़ लोगों की संभावना

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ को सफल बनाने के लिए अभी से तैयारियों की शुरुआत करनी होगी। राज्य में 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के सिंहस्थ महाकुंभ में आने की संभावना है। इस वजह से उज्जैन में यातायात व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त रखना और शुद्ध जल का प्रवाह सुनिश्चित करना सर्वोपरि होगा।

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सिंहस्थ की तैयारियों के लिए 5,882 करोड़ रुपये की मंजूरी

कैबिनेट बैठक में सिंहस्थ-2028 की तैयारियों से जुड़े 19 कार्यों के लिए 5,882 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। इसमें 778 करोड़ रुपये की लागत से 29.21 किलोमीटर घाटों का निर्माण, 1,024 करोड़ रुपये की लागत से 30.15 किलोमीटर लंबी कान्ह नदी के डायवर्जन का काम और 614 करोड़ रुपये की लागत से क्षिप्रा नदी में जल प्रवाह योजना का निर्माण शामिल है। इसके अलावा, उज्जैन शहर की सीवरेज परियोजना और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भी विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

अन्य महत्वपूर्ण कार्य

साथ ही, सिंहस्थ के लिए उज्जैन-बर्नागर रोड का निर्माण, सस्पेंशन ब्रिज, इंदौर-उज्जैन ग्रीनफील्ड 4-लेन प्रोजेक्ट और महाकाल लोक कॉरिडोर में फाइबर मूर्तियों की जगह पत्थर की मूर्तियों की स्थापना जैसे कई अन्य कार्य भी स्वीकृत हुए हैं।

18 विभागों के 568 कार्यों का प्रस्ताव

शहरी प्रशासन और आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मांडलोई ने बताया कि सिंहस्थ-2028 के लिए अब तक 18 विभागों के 568 कार्यों का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिनकी अनुमानित लागत 15,567 करोड़ रुपये है। इसके अंतर्गत विभिन्न विभागीय और सिंहस्थ से संबंधित कार्य शामिल हैं। मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने जानकारी दी कि इंदौर के लव-कुश चौराहे से उज्जैन तक नई मेट्रो लाइन बिछाने का सर्वे कार्य दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को सौंपा गया है।

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