मध्य प्रदेश में बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा के जवाब में कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा 19 सितंबर से निकाली जा रही है। इसको लेकर कांग्रेस ज़ोर-शोर से तैयारियों में लगी हुई है। भोपाल में पीसीसी दफ़्तर में प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यात्रा को लेकर जिला अध्यक्षों से बात की है। पार्टी के मध्य प्रदेश में चुनाव की रणनीति से जुड़े नेताओं के साथ सलाह मशविरा करने के बाद अब कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में जातिगत और स्थानीय समीकरणों को देखते हुए सीनियर नेताओं को अलग-अलग क्षेत्रों में जन आक्रोश यात्रा की ज़िम्मेदारी दी है।
नेताओं को दी गई ज़िम्मेदारी
पार्टी का आदिवासी चेहरा कांतिलाल भूरिया जनजातीय बाहुल्य जिलों में यात्रा की कमान संभालेंगे। आदिवासी क्षेत्रों में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा था। एसटी वर्ग के लिए सुरक्षित अधिकांश सीटें कांग्रेस ने जीती थीं। इस विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस, इसी प्रदर्शन को दोहराना चाहती है। जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन में बिखराव यहां कांग्रेस को परेशान कर रहा है।पिछले चुनाव में जयस का साथ कांग्रेस को मिला था।
अन्य पिछड़ा वर्ग बाहुल्य क्षेत्र में यात्रा की अगुआई अरुण यादव करेंगे। बुंदेलखंड अंचल में ओबीसी मतदाताओं की प्रभावी भूमिका को देखते हुए अरुण यादव को यहां पर सक्रिय किया जा रहा है। पहले भी वह इस क्षेत्र में संपर्क कार्यक्रम चला चुके हैं। विंध्य और महाकौशल में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह यात्रा के प्रभारी रहेंगे। तो कमलेश्वर पटेल भी इन्हीं अंचलों के दूसरे जिलों में यात्रा निकालेंगे। अजय सिंह का प्रभाव विंध्य के साथ-साथ महाकौशल के कुछ क्षेत्रों में भी है। इसे भुनाने के लिए उन्हें इन दोनों क्षेत्रों में भेजा जा रहा है। पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के अनुभव का लाभ मध्य भारत क्षेत्र में लेने की योजना बनाई है।
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जीतू पटवारी का मालवांचल में अच्छा संपर्क है और वो गेहूं का समर्थन मूल्य तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग को लेकर इन क्षेत्रों में किसान यात्रा भी निकाल चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह को उनके प्रभाव क्षेत्र ग्वालियर-चंबल के आठ जिले दिए गए हैं। सभी नेता यात्रा के दौरान अपने विधानसभा क्षेत्र भी पहुंचेंगे।
30 विधायकों को सह यात्री भी बनाया
कांग्रेस का मानना है कि शिवराज सरकार को लेकर जनता में भारी नाराजगी है। ऐसे में जनता खुद ही अपने भविष्य के लिए मध्य प्रदेश में निकलने वाली जान आक्रोश यात्रा को भारी समर्थन देगी। कांग्रेस ने यात्रा के लिए 30 विधायकों को सह यात्री भी बनाया है, जो अपने प्रभाव क्षेत्र में यात्रा की बागडोर संभालेंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रभारी बनाने से पूर्व सभी वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की गई उनसे ही पूछा गया कि वह किन-किन जिलों में जाना चाहेंगे। चर्चा के बाद जातिगत और स्थानीय समीकरण और स्वयं उनकी चुनाव की तैयारी को देखते हुए यह फैसला लिया गया।