Wednesday, November 29, 2023
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नहाय – खाय से शुरू हुए इस पर्व की क्या है विशेषता? आस्था का महापर्व है छठ!

हिंदू धर्म में कोई ऐसा महीना नहीं है जिसमें व्रत या पर्व न हो। इसलिए भारत को पर्व, व्रत, त्योहार और रीति-रिवाजों का देश कहा जाता है, तो वही कार्तिक महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार पड़ते हैं। इसी महीने लोक आस्था का महापर्व छठ भी मनाया जाता है, तो आज के इस एपिसोड में हम बिहार, झारखंड और उत्तर-पूर्वी भारत में मनाये जाने वाले पर्व छठ पर्व की ही बात करेंगे। छठ पर्व के इतिहास को लेकर ऐसा कहा जाता है कि, छठ की परंपरा महाभारत और रामायण काल से चली आ रही है।

छठ की परंपरा को पूरी संलग्नता से कायम रखा है

हिंदू धर्म के लोगों ने आज भी छठ की परंपरा को पूरी संलग्नता से कायम रखा है और हर साल इसे कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। इस साल छठ पर्व की शुरुआत 17 नवंबर से हो चुकी है और इसकी समाप्ति 20 नवंबर 2023 को होगी। नहाय खाय से शुरू हुआ यह पर्व सूर्य के अर्घ्य देने तक चलता है। बिहार के पटना घाट से लेकर दिल्ली के यमुना घाट समेत विभिन्न स्थानों पर तमाम छोटे-बड़े घाटों में छठ पर्व का भव्य आयोजन होता है। नहाए-खाय से प्रारंभ यह व्रत बहुत ही कठिन माना जाता है इसमें 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को रखा जाता है।

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लोग चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल उपवास रखते हैं

छठ पूजा का व्रत रखने वाले लोग चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल उपवास रखते हैं इस पर्व का मुख्य व्रत षष्ठी तिथि को रखा जाता है। लेकिन छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से हो जाती है, जिसका समापन सप्तमी तिथि को प्रातः सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है। खरना यानी लोहंडा छठ पूजा का दूसरा दिन होता है खरना कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है। इस दिन व्रती को सुबह से शाम तक निर्जला व्रत रखना होता है फिर शाम में पूजा पाठ करके खीर और पूड़ी या खीर और रोटी खाते हैं।

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छठ पर्व की मुख्य पूजा की जाती है

छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य का होता है। इस दिन छठ पर्व की मुख्य पूजा की जाती है तीसरे दिन व्रती और उनके परिवार के लोग घाट पर आते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस साल छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 19 नवंबर यानी आज दिया जाएगा आज सूर्यास्त शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा चौथा दिन छठ पर्व का अंतिम दिन होता है इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इस महाव्रत का पारण किया जाता है। इस साल 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा इस दिन सूर्योदय 06 बजकर 47 मिनट पर होगा।

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