गरीबों के उत्थान के लिए सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं. उन्हीं में से एक है राजस्थान सरकार की पालनहार योजना. इस योजना के तहत गरीब परिवारों के ऐसे बच्चे जिनका पालन-पोषण मुश्किल हो गया है, उनकी देखभाल के लिए सरकार आर्थिक सहायता देती है.
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पालनहार योजना के क्या फायदे हैं?
गरीब और अनाथ बच्चों को आर्थिक मदद: पालनहार योजना के तहत सरकार हर महीने ₹1500 प्रति बच्चे की आर्थिक मदद करती है. सालाना सत्यापन के बाद एक साल में ₹18,000 तक की राशि मिलती है.
पारिवारिक माहौल में परवरिश: पालनहार योजना में संस्थागत देखभाल की बजाय गरीब बच्चों का पालन-पोषण उनके किसी रिश्तेदार या समाज के इच्छुक व्यक्ति के द्वारा किया जाता है. ऐसे व्यक्ति को पालनहार कहा जाता है.
शिक्षा और अन्य सुविधाएं: गरीब बच्चों की शिक्षा, कपड़े, जूते आदि जैसी अन्य जरूरतों को भी सरकार पूरा करती है.
कौन बच्चे हैं पालनहार योजना के पात्र?
- अनाथ बच्चे
- ऐसे माता-पिता के बच्चे जिन्हें कोर्ट द्वारा मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई हो
- विधवा माँ के अधिकतम तीन बच्चे जो निर्धन पेंशन के पात्र हों
- अविवाहित माँ के अधिकतम तीन बच्चे
- पुनर्विवाहिता विधवा माँ के बच्चे
- एड्स से पीड़ित माता/पिता के बच्चे
- कुष्ठ रोग से पीड़ित माता/पिता के बच्चे
- विकलांग माता/पिता के बच्चे
- तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला के बच्चे
पालनहार योजना के लिए पात्रता
- पालनहार बनने वाले परिवार की वार्षिक आय ₹120,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए.
- पालनहार योजना में आर्थिक सहायता
- 5 साल तक के बच्चों के लिए ₹750 प्रति माह
- स्कूल में एडमिशन के बाद 18 साल की उम्र तक ₹1500 प्रति माह
- कपड़े, जूते, स्वेटर आदि के लिए हर साल अलग से ₹2000
पालनहार योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
आप इस योजना के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं.
ऑनलाइन आवेदन: अपने नजदीकी ईमित्रा केंद्र पर जाएं या SO पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करें.
ऑफलाइन आवेदन: पालनहार योजना की आधिकारिक वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड करें. भरे हुए फॉर्म को जिला अधिकारी (शहरी क्षेत्र) या ग्रामीण क्षेत्र विकास अधिकारी को जमा करें.
नोट: इस लेख में दी गई जानकारी मई 21, 2024 तक सही थी. योजना से जुड़ी ताजा जानकारी के लिए राजस्थान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट देखें.