पन्ना की रून्झ नदी में छिपा है हीरों का खजाना,छोटा सा पत्थर बना देगा लखपती करोड़पति पन्ना जिले के अजयगढ़ तहसील के ग्राम अरमगंज से होकर गुजरने वाली रून्झ नदी अपने साथ बहुमूल्य हीरे लेकर आती है। नदी के बहाव में और दोनों किनारों पर नदी द्वारा लाई गई मिट्टी में सैकड़ों लोग हीरों की तलाश करते हैं। इस दुर्लभ धातु की तलाश में आने वाले लोग सुबह से ही नदी पर पहुंच जाते हैं और पूरे दिन नदी में हीरों की खोज करते हैं। किस्मत वालों को ही हीरे मिलते हैं, वरना सभी को खाली हाथ लौटना पड़ता है। पन्ना के पहाड़ी इलाकों से निकलकर पहाड़ों से बहती हुई यह नदी अरमगंज के मैदानों में पहुंचती है। यहां पर रोजाना अपनी किस्मत आजमाने के लिए स्थानीय लोग आते हैं। हफ्तों, महीनों और सालों में किसी के हाथ यह कीमती धातु लग जाती है।
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खाली हाथ लौटने को होते हैं मजबूर
ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर पहुंचकर हीरों की तलाश कर रहे लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि, ‘हम अपनी किस्मत आजमाने हीरे की तलाश में यहां आते हैं। किस्मत वालों को हीरे मिलते हैं, बाकी खाली हाथ जाते हैं। कभी-कभी ही किसी के हाथ यह धातु लगती है। वरना रोज सुबह से शाम तक हीरों की तलाश करने के बाद लोग खाली हाथ घर लौट जाते हैं।’
कैसे ढूंढते हैं नदी में हीरे
यह धातु जितनी कीमती है उतनी ही इसे पाना मुश्किल है। लोग हीरे की तलाश में फावड़ा, संबल, तसा और जालीदार टोकरी लेकर नदी पर पहुंचते हैं। नदी के बहते हुए हिस्सों के अलावा वे दोनों किनारों पर इसकी तलाश करते हैं। नदी द्वारा लाई गई मिट्टी को टोकरी में भरकर बाहर निकालकर उसमें से हीरों की तलाश की जाती है। इसके अलावा बहते हुए हिस्से में जालीदार टोकरी की मदद से खोज की जाती है। किनारों पर लगे पत्थरों को खोदकर भी हीरों की तलाश की जाती है। हर कोई अपनी तरफ से मेहनत करता है लेकिन किस्मत वाला ही खजाना पाता है।
जल्द खत्म होगी हीरों की तलाश
लगभग 2 साल पहले रून्झ नदी में करीब 72 कैरेट का हीरा मिला था। जिसके बाद यहां लोगों की भीड़ बढ़ गई थी। उस दौरान करीब 15 से 20 हजार लोग हीरों की तलाश में आने लगे थे। जिस पर स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए लोगों के आने पर रोक लगा दी। क्योंकि नदी का यह हिस्सा पन्ना वन रेंज क्षेत्र के अंतर्गत विश्रामगंज रेंज में आता है। वन्य जीवों की संवेदनशीलता को देखते हुए भीड़ पर रोक लगाई गई थी। इस नदी पर रून्झ बांध बन रहा है, जिसका काम तेजी से चल रहा है। करीब 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। जल्द ही बांध का निर्माण पूरा हो जाएगा। बांध बनने के बाद नदी का यह हिस्सा सैकड़ों फीट गहरे पानी में डूब जाएगा। तब यहां लोग आना बंद कर देंगे।