फूलो की खेती कर किसान ने कमाया लाखों का मुनाफा, जानिए कैसे करे फूलो की खेती डिटेल में, गेंदा, गुलाब व अन्य फूलों की खेती करने वाले किसानों को दीपावली पर्व का इंतजार रहता है। साल में यह समय ऐसा होता है, जब फूल अधिक बिकते हैं और भाव भी अच्छे मिलते हैं। भारत में फूलों की खेती बहुत लंबे समय से होती आ रही है, आर्थिक रूप से लाभदायक व्यवसाय के रूप में फूलों का उत्पादन पिछले कुछ सालों से ही अच्छा शुरू हुआ है.

हम आपको बता दे की मध्यम वर्ग के जीवनस्तर में सुधार और आर्थिक संपन्नता के कारण बाज़ार के विकास में फूलों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है . लाभ के लिए फूल व्यवसाय अच्छा है. किसान यदि एक हेक्टेयर में गेंदे का फूल लगाते हैं तो वे वार्षिक आमदनी 1 से 2 लाख तक होती हैं. इतने ही क्षेत्र में गुलाब की खेती करे तो दोगुनी तथा गुलदाउदी की फसल से 7 लाख रुपए बेहद आसानी से कमा सकते हैं. भारत में गेंदा, गुलाब, गुलदाउदी आदि फूलों के उत्पादन के लिए जलवायु अनुकूल होती है .
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इसमें इत्र, अगरबत्ती, गुलाल, तेल बनाने के लिए सुगंध में फूलों का इस्तेमाल किया जाता है, वहीं कई ओर फूल ऐसे भी हैं जिन का औषधि उपयोग भी किया जाता है. अगर देखा जाये तो अगर किसान फूलों की खेती करते हैं तो वे कभी घाटे में नहीं जा सकते .
भारत में फूलों की खेती

हम आपको बता भारत में फूलों की खेती की ओर बढ़ रहे है किसान , लेकिन फूलों की खेती करने से पहले कुछ बातें ऐसे भी हैं जिन पर ध्यान देना बेहद जरूरी हो जाता है. यह ध्यान देना अति आवश्यक है की सुगंधित फूल किस तरह की जलवायु में ज्यादा पैदावार करते है. फिलवक्त भारत में गुलाब, गेंदा, जरबेरा, रजनीगंधा, चमेली, ग्लेडियोलस, गुलदाउदी और एस्टर बेली जैसे फूलों की खेती बड़े पैमाने पर की रही है. ध्यान देने वाली बात ये है कि फूलों की खेती के दौरान सिंचाई की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए.
बुआई के समय इन बातो का ध्यान दे

हम आपको बता दे की फूलों की बुवाई के दौरान कुछ ऐसी बातों पर ध्यान देना बेहद जरुरी होता है. सबसे पहले की खेतों में खरपतवार ना हो . ऐसा होने से फूलों के खेती पर बुरा असर होता है. खेत तैयार करते समय पूरी तरह खर-पतवार को पूरी तरह से हटा दें. समय-समय पर सिंचाई की उत्तम व्यवस्था जरूरी होती है. वहीं खेतों में जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए. ताकि अगर फूलों में पानी ज्यादा हो जाये तो पानी को निकला जा सके. ज्यादा पानी से पौधे के ख़राब हो जाता है.
फूलो की बिक्री के लिये बाज़ार
फूलों को लेकर किसान को बाजार में खोजने की मेहनत नहीं करनी होती है, क्योंकि फूलों की जरुरत सबसे ज्यादा मंदिरों में होती है. इसके कारण फूल खेतों से ही बिक जाते हैं. इसके अलावा इत्र, अगरबत्ती, गुलाल और दवा बनाने वाली कंपनियां भी फूलों को खरीदी होती है. फूल की व्यवसाई खेतों से ही फूल खरीद लेते हैं, और बड़े बड़े शहरों और देशो में भेजते हैं.

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फूलो की खेती का खर्चा
फूलो की खेती कर किसान ने कमाया लाखों का मुनाफा, जानिए कैसे करे फूलो की खेती डिटेल में ,कृषि विशेषज्ञों के अनुसार फूल की खेती में कम खर्च आता है. एक हेक्टेयर में अगर फूल की खेती की जाए तो आमतौर पर 20000 रूपया से 25000 रूपया का खर्च तक आता है, जिसमें बीज की खरीदारी, बुवाई का खर्च, उर्वरक का मूल्य, खेत की जुताई और सिंचाई वगैरह का खर्च भी शामिल है, फूलों की कटाई के बाद इसे बड़ी आसानी से बाजार में बेचकर भरपूर लाभ के रूप में लाखों का मुनाफाका कमा सकते है।