सरसों की खेती किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होती है क्योंकि सरसों के दानों के साथ-साथ सरसों के साग की भी बाजार में खूब बिक्री होती है। सरसों की मांग बाजार में पूरे साल काफी ज्यादा रहती है क्योंकि कुछ लोग इसके तेल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। आज हम आपसे बात कर रहे हैं सरसों की सबसे अच्छी किस्म की खेती के बारे में। इस किस्म का दाना मोटा और तैलीय होता है। इसकी मांग बाजार में सबसे ज्यादा रहती है। हम बात कर रहे हैं Pusa Jai Kisan किस्म की सरसों की खेती के बारे में। ये सरसों की एक हाई-यील्डिंग किस्म है।
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कैसे करें खेती?
अगर आप Pusa Jai Kisan किस्म की सरसों की खेती करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको इसकी खेती के बारे में अच्छे से जानना होगा, ताकि आपको खेती करने में कोई दिक्कत न आए। आपको बता दें कि इसकी बुवाई का सबसे अच्छा महीना नवंबर होता है। इसकी खेती के लिए सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करनी चाहिए और मिट्टी में गोबर की खाद मिला देनी चाहिए, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। इसकी बुवाई के लिए सिर्फ इसी किस्म के बीज का चयन करना चाहिए। इसके बीज आपको बीज भंडार में मिल जाएंगे। बुवाई के बाद इसकी फसल करीब 130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
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कितनी होगी कमाई?
अगर आप Pusa Jai Kisan किस्म की सरसों की खेती करते हैं तो आपको इसकी खेती से अच्छी खासी कमाई होगी क्योंकि इसके तेल की बाजार में काफी डिमांड रहती है। एक हेक्टेयर में Pusa Jai Kisan किस्म की सरसों की खेती करने पर करीब 20-22 क्विंटल उपज मिल जाती है। इसकी खेती से साग और बीज दोनों बेचकर आप 2 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।