हिंदू धर्म में हर एक माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है, तो वही आश्विन माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि को हम शरद पूर्णिमा के नाम से जानते है। इसका अपना एक अलग ही महत्व है, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कोजोगार पूर्णिमा और रास पूर्णिमा भी के नाम से भी जानते हैं, तो आज के इस एपिसोड में हम शरद पूर्णिमा के बारे में बात करेंगे। भारत की सभ्यता और संस्कृति को संजोए रखना, तीर्थ स्थलों की महिमा को आम भाषा मे हर घर तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। हमारे हिंदू धर्म में सभी त्योहारो को सदियों से धूम-धाम से मनाने की परंपरा रही है।
हिंदू समाज में अमावस्या और पूर्णिमा को भी बहुत खास माना जाता है
त्योहार हो या व्रत हर किसी का अपना महत्व और विशेषता है। वहीं हिंदू समाज में अमावस्या और पूर्णिमा को भी बहुत खास माना जाता है बात करें पूर्णिमा की हो तो इस दिन भगवान चंद्र देव की विशेष पूजा की जाती है। सभी महिलाएं इस दिन व्रत रखकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करती हैं। शरद पूर्णिमा को कुमार पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा की तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण सभी गोपियों संग वृंदावन में महारास लीला रचाते हैं। इस कारण से शरद पूर्णिमा पर वृंदावन में विशेष आयोजन होता है।
यह भी पढ़े: भोपाल की हाईप्रोफाइल सीट पर प्रत्याशी बदलने की उठी मांग, चुनावी माहौल लगातार गर्माता नजर आ रहा!
मान्यता है की रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत झड़ता है
ऐसी मान्यता है इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत झड़ता है। तभी इस दिन उत्तर भारत में खीर बनाकर रात भर चाँदनी में रखने का विधान है। इस दिन मावे के लड्डू बनाकर भी भगवान् की पूजा की जाती है ज्योतिष के अनुसार, पूरे वर्ष में केवल इसी दिन चन्द्रमाँ सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है इस दिन दूध की खीर बनाने का विशेष महत्व माना जाता है। सभी लोग अपने घर में खीर बनाते हैं और एक बर्तन में खीर भरकर उसे घर की छत पर रखते हैं। ऐसा करने से चंद्रमा की किरणें खीर में पढ़ती हैं और अमृत वर्षा होती है। इस साल शरद पूर्णिमा का व्रत 28 अक्टूबर को रखा जाएगा।
शरद पूर्णिमा की रात को मां लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं
शरद पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है की शरद पूर्णिमा की रात को मां लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और विचरण करते हुए अपने भक्तों पर विशेष कृपा रखती हैं। शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। इस दिन लहसुन, प्याज से दूरी बना ले और हो सके तो उपवास रखें। ऐसा माना जाता है की जो इन सभी नकारात्मकता से दूर रहता है उसे अमृत की प्राप्ति होती है शरद पूर्णिमा से लेकर कार्तिक पूणिमा तक प्रतिदिन शाम के समय तुलसी और खुले आकाश के नीचे दीपदान करने से दुःख, दरिद्र का नाश होता हैं।
शरद पूर्णिमा को कर्ज मुक्ति पूर्णिमा कहा जाता है
शरद पूर्णिमा को कर्ज मुक्ति पूर्णिमा भी कहते हैं इस दिन पर मां लक्ष्मी से जुड़ी हुई आराधना करने पर व्यक्ति को कर्जों से छुटकारा मिल जाता है। अक्टूबर में पड़ने वाली शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण भी लगेगा साल 2023 में कुल चार ग्रहण लगने थे जिनमें से 3 ग्रहण लग चुके हैं और अब चौथा ग्रहण आने वाली 28 अक्टूबर की रात लगने जा रहा है यह चंद्र ग्रहण साल का आखिरी ग्रहण भी होने वाला है।