शिवपुरी: शिवपुरी के कोलारस क्षेत्र में एक महंत ने मंदिर परिसर में 11वीं कक्षा की दिव्यांग छात्रा से दुष्कर्म किया। यह बात तब सामने आई जब छात्रा गर्भवती हो गई। महंत का नाम रामकिशोर दास है, जो लुकवासा के भट्टी सरकार हनुमान मंदिर में दरबार भी लगाता था। पुलिस ने मामला दर्ज कर महंत की तलाश शुरू कर दी है। जानकारी में सामने आया है कि रामकिशोर मंदिर में बाबा के वेश में रह रहा था, लेकिन वह शादीशुदा है। उसने पांच साल पहले मथुरा, उत्तर प्रदेश में खुद को सीआरपीएफ जवान बताकर एक लड़की से शादी की थी और फिर वहां से भाग निकला था। अब पुलिस मध्यप्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी उसकी तलाश कर रही है।
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खुद को सीआरपीएफ जवान बताकर की शादी
कोलारस पुलिस के अनुसार, रामकिशोर दास नामक आरोपी के दो ठिकाने मिले हैं। एक ठिकाना नासिक का और दूसरा मथुरा का था, लेकिन पुलिस को दोनों पते फर्जी मिले। जांच में पता चला कि आरोपी ने 2019 में मथुरा में शादी की थी। उसने खुद को सीआरपीएफ जवान बताकर ससुराल में जमाई बनकर रहना शुरू कर दिया था। जब वह तीन महीने तक नौकरी पर नहीं गया, तो ससुराल वालों को शक हुआ। ससुराल वालों ने सवाल उठाने शुरू किए, जिसके बाद वह अपनी पत्नी को छोड़कर भाग निकला। इस मामले में भी बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज है।
गर्भवती होने पर सामने आई बाबा की करतूत
जुलाई 2024 में, कोलारस थाना क्षेत्र की 19 वर्षीय दिव्यांग लड़की को पेट दर्द की शिकायत हुई। परिवार ने उसे अशोकनगर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसे गर्भवती पाया गया। पुलिस द्वारा बयान लिए जाने पर लड़की ने बताया कि दिसंबर 2023 में महंत रामकिशोर दास उर्फ बृजेश शर्मा (आधार कार्ड और वोटर कार्ड में दर्ज नाम) ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। बाबा ने धमकी दी थी कि यदि उसने किसी को इस बारे में बताया तो वह उसके पिता को मार डालेगा। अक्टूबर 2024 में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, लेकिन बाबा एक महीने पहले ही मंदिर से फरार हो चुका था।
अधिकारियों और नेताओं के आते थे बाबा के दरबार
गांववालों का कहना है कि रामकिशोर 2019 में कार में सवार होकर गांव आया था। उसने मंगलवार को मंदिर के एक कोने में दरबार लगाना शुरू किया। वह झाड़-फूंक से लोगों की बीमारियों का इलाज करता था और उनकी समस्याओं का समाधान बताता था। जैसे-जैसे उसकी ख्याति बढ़ी, दरबार में लोगों की भीड़ भी बढ़ने लगी। गांववालों ने बताया कि बाबा के अनुयायियों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि दरबार के बाहर लंबी कतारें लगती थीं। बाबा के दरबार में आईपीएस-आईएएस अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय नेता भी आते थे। बाबा जिस कार से आया था, वह अब भी मंदिर में खड़ी है।
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नशा छुड़ाने के लिए देता था भभूत, निकाली कलश यात्रा
गांववालों ने बताया कि बाबा दावा करता था कि उसने ऑस्ट्रेलिया से पीएचडी की है। वह लोगों को नशा छुड़ाने के लिए पांच मंगलवार मंदिर आने को कहता था और भभूत देता था। बाबा ने दावा किया कि उसने गांव के 90 लोगों को नशे से मुक्त किया है। इससे पहले वह देशभर में 7 लाख लोगों को नशे से छुटकारा दिला चुका था। बाबा की लोकप्रियता बढ़ने के साथ मंदिर में चढ़ावा भी बढ़ता गया। इस चढ़ावे की राशि से बाबा ने मंदिर निर्माण में एक लाख रुपये खर्च किए। उसने मंदिर में कई बड़े आयोजन भी कराए। बाबा ने 1100 कलशों के साथ एक धार्मिक यात्रा निकाली, जिसमें क्षेत्र की महिलाएं भी शामिल हुईं।
फर्जी आधार-वोटर कार्ड, सिम भी गांववाले के नाम पर
2019 में भट्टी सरकार मंदिर आने के बाद बाबा ने अपना जाल फैलाना शुरू किया। उसने रामकिशोर दास उर्फ बृजेश शर्मा (48) के नाम से आधार कार्ड और वोटर कार्ड भी बनवा लिया। पुलिस जांच में पता चला कि बाबा जिस मोबाइल का उपयोग कर रहा था, उसकी सिम भी एक गांववाले के नाम पर ली गई थी। इतना ही नहीं, बाबा चढ़ावे की बड़ी रकम एक गांववाले के खाते में जमा कराता और फिर उससे नगद लेता था।