विधानसभा चुनाव में VBP-VJP करेगी भाजपा और कांग्रेस के लिए मुश्किले खड़ी, जाने क्या है नया अपडेट! चुनाव का माहौल है जिसके चलते इस दौरान विधानसभा चुनाव 2023 में VBP-VJP दोनों ही पार्टियां 40-40 सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारने जा रही है। इन दोनों ही पार्टियों का मकसद है केवल और केवल विंध्य पर सबसे ज्यादा फोकस करना। इतना ही नहीं इसके साथ ही ग्वालियर चंबल, बुंदेलखंड और भोपाल कई सीटों पर भी इनको उम्मीद की किरण नजर आ रही है। बता दे आप, सपा, बीएसपी, जीजीपी और जयस जैसी कई पार्टियां इससे पहले ही तीसरे मोर्चे के तौर पर चुनाव मैदान में है।
विधानसभा चुनाव में दो नई पार्टियों का जोश देखने को मिलेगा

हालाँकि इस बार एमपी के चुनाव में आपको दो नई पार्टियों का जोश देखने को मिलने वाला है। और इन दो पार्टियों में से एक सीएम शिवराज के ही पूर्व osd ने तैयार की है। लेकिन वही बीजेपी से बागी विधायक ने दूसरी पार्टी तैयार की है। और ये दो पार्टिया जिनका नाम है वास्तविक भारत पार्टी और विंध्य जनता पार्टी है। इसमें VBP का निर्माण पूर्व आईएएस वरदमूर्ति मिश्रा ने किया तो वही VJP का निर्माण विधायक नारायण त्रिपाठी ने किया है।
बता दे मिश्रा एक समय पर सीएम शिवराज के osd रहे है। और साथ ही नारायण त्रिपाठी वर्तमान में मैहर से विधायक है। इन पार्टियों का चुनाव चिन्ह का आवंटन हो गया है। बता दे VBP को गैस सिलेंडर चुनाव चिह्न मिला तो वही दूसरी पार्टी VJP को गन्ने लिए हुए किसान चुनाव चिह्न मिला है।
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230 विधानसभा सीटों में से 40-40 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का एलान

जानकारी के लिए बता दे की VBP-VJP पार्टियों को प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों में से 40-40 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा की है। इसी दौरान विंध्य जनता पार्टी ने शुक्रवार यानि की आज अपनी पहली लिस्ट जारी करते हुए 25 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए है। वही दूसरी पार्टी वास्तविक भारत पार्टी ने 40 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम के बी फॉर्म जारी किये है। इनको सीधे चुनाव आयोग के पास भिजवाया गया है। वास्तविक भारत पार्टी ने अभी अपने प्रत्याशियो के नाम को गुप्त रखा हुआ है।
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मध्यप्रदेश में बीजेपी कांग्रेस के अलावा नहीं मिली किसी को सफलता

एमपी में आज तक का इतिहास देखा जाए तो अब तक बीजेपी और कांग्रेस के अलावा किसी तीसरी पार्टी के हाथ कोई बड़ी सफलता नहीं लगी है। इन दोनों पार्टियों के अलावा कोई तीसरा दल अपनी जमीन मजबूत नहीं कर पाए है। हालाँकि यूपी में लगे इलाकों में बीएसपी और सपा का प्रभाव देखने को मिल जाता है। लेकिन चुनाव के दौरान यह पार्टिया भी कोई बड़ा मुकाम हासिल नहीं कर पाई है।
इस बार आप का खाता खुलने की सम्भावना जताई जा रही है। साल 2018 में जयस ने चुनाव में हीरा अलावा के रूप में एक सीट हासिल कर ली थी। लेकिन इसके बाद वह भी कांग्रेस के साथ आ गए। ऐसा ही हाल GGP का है। बात करें VJP और VBP की तो ये तो चुनाव परिणाम बताएंगे की अब प्रदेश भर में इनका क्या भविष्य तय होता है।