मध्य प्रदेश के चंबल क्षेत्र को एक नया राज्य बनाने की मांग फिर से जोर पकड़ रही है। पूर्व विधायक रविंद्र भदौसा ने इस मुद्दे को फिर से उठाया है। इससे पहले भी राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरसिंह कुमार चौबे ने यह मांग रखी थी, लेकिन उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। अब इस विषय पर गंभीरता से चर्चा हो रही है। योजना है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों को मिलाकर एक बड़ा राज्य बनाया जाएगा।
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4 मई को भिंड जिले के फूप में होगी महापंचायत
इस मुद्दे को लेकर 4 मई को भिंड जिले के फूप कस्बे में एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इस महापंचायत में सभी राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश हो रही है। पूर्व कांग्रेस विधायक रविंद्र भदौसा इसकी जोरशोर से तैयारी कर रहे हैं।
चंबल क्षेत्र को अलग राज्य बनाने की जरूरत क्यों?
पूर्व विधायक रविंद्र भदौसा का कहना है कि, “चंबल क्षेत्र हमेशा से पिछड़ा रहा है। जब तक इसे अलग राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा, तब तक इसका विकास संभव नहीं है। हम जनता की मांग पर यह लड़ाई लड़ रहे हैं।”
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किन जिलों को मिलाकर बनेगा नया चंबल प्रदेश?
भदौसा ने बताया कि इस नए राज्य में कुल 21 जिलों को शामिल किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश से: आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, जालौन, झांसी, ललितपुर।
मध्य प्रदेश से: गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, भिंड।
राजस्थान से: धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, कोटा, बारां, झालावाड़।
इन जिलों की कुल आबादी लगभग 6 करोड़ होगी। भदौसा ने यह भी कहा कि चंबल प्रदेश में औद्योगिक कॉरिडोर भी बनना चाहिए ताकि यहां रोजगार और विकास के नए रास्ते खुल सकें।