मध्य प्रदेश में एक बार फिर लाड़ली बहना योजना को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। इस योजना को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं। कांग्रेस का आरोप है कि बहनों को उनके हक की राशि नहीं दी जा रही, जबकि बीजेपी दावा कर रही है कि वह लगातार इस योजना का विस्तार कर रही है।
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कांग्रेस का आरोप बहनों से छीना जा रहा है हक
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि लाड़ली बहना योजना के तहत करीब 20 लाख बहनों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। 2023 से इस योजना के तहत नए रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहे हैं, जबकि 25 से 30 लाख महिलाएं योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन कर रही हैं।
पटवारी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार 60 से 70 हजार करोड़ रुपए सालाना सामाजिक जिम्मेदारियों के नाम पर लोन ले रही है, लेकिन उसमें से केवल 16 हजार करोड़ रुपए बहनों को दिए जा रहे हैं। शेष राशि का उपयोग अन्य मदों में हो रहा है, जिसे उन्होंने “राजनीतिक अपराध” करार दिया।
कांग्रेस ने यह भी घोषणा की है कि अगर बहनों को 3000 रुपए प्रतिमाह की राशि नहीं दी गई, तो वे अदालत का रुख करेंगे।
बीजेपी का पलटवार कांग्रेस योजना को रोकना चाहती है
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से जनकल्याणकारी योजनाओं को रोकने का काम करती आई है। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत बहनों को अब 1500 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे, जो राखी और भाई दूज पर 250 रुपए अतिरिक्त हो जाएंगे।
सारंग ने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार ने पहले भी बैगा-सहरिया समुदाय के लिए शुरू की गई आर्थिक सहायता योजना को बंद कर दिया था। इसके उलट, बीजेपी सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी योजना से लेकर लाड़ली बहना योजना तक महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चलाई हैं।
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भविष्य में बढ़ेगी सहायता राशि
बीजेपी सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि लाड़ली बहना योजना की सहायता राशि को भविष्य में चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा। फिलहाल इसे 1250 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए किया गया है, जो आगामी त्योहारों में और अधिक हो सकती है।